उत्तर भारत के प्रसिद्ध समाराेह राम बरात एवं जनकपुरी इस बार नहीं होंगे आगरा में
कोविड-19 के चलते रामलीला नहीं करने का रामलीला कमेटी ने लिया निर्णय। करीब 135 वर्षों के इतिहास में पहली बार नहीं होगा शहर का प्रमुख आयोजन।
आगरा, जागरण संवाददाता। जन-जन के आराध्य प्रभु श्रीराम की बरात इस बार ताजनगरी में नहीं निकलेगी और ना ही जनकपुरी सजेगी। कोविड-19 के चलते रामलीला कमेटी ने इस वर्ष रामलीला का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है। करीब 135 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब शहर के लोगों की आस्था से जुड़ा उत्तर भारत का सबसे भव्य आयोजन नहीं हो सकेगा।
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इस बार किसी भी तरह के आयोजन नहीं हो पा रहे हैं। इस कड़ी में अब उत्तर भारत में प्रसिद्ध आगरा की रामलीला का नाम भी जुड़ गया है। उत्तर भारत में अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध रामलीला की शुरुआत अनंत चतुर्दशी पर रावतपाड़ा स्थित लाला चन्नौमल की बारादरी में मुकुट पूजन अौर स्वरूपों के पूजन से होती है। लीला का मंचन पितृ पक्ष और नवरात्र में किया जाता है। पितृ पक्ष की एकादशी को भव्य राम बरात शहर में परंपरागत मार्ग पर निकाली जाती है और उसके अगले दो दिन शहर के किसी क्षेत्र में जनकपुरी का आयोजन होता है। रामलीला कमेटी ने एक सितंबर (अनंत चतुर्दशी) के दिन मुकुट पूजन व स्वरूपों के पूजन के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी। जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने पर शनिवार को कमेटी सदस्यों की शनिवार को ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें सदस्यों ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष जगदीश प्रसाद बागला और महामंत्री श्रीभगवान अग्रवाल को आयोजन पर निर्णय लेने का अधिकार दिया। दोनों ने कोविड-19 के चलते आयोजन नहीं कराने का निर्णय लिया।
भगवान राम की तरह करेंगे मर्यादा का पालन
रामलीला कमेटी के महामंत्री श्रीभगवान अग्रवाल ने बताया कि कोविड-19 की सभी परिस्थितियों का आकलन कर यह निर्णय लिया गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने मर्यादाओं का अनुसरण किया था उसी तरह रामलीला कमेटी ने जनहित में मर्यादाओं का पालन करते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार रामलीला का आयोजन स्थगित करने का निर्णय लिया है। मेरी जानकारी के अनुसार पहली बार रामलीला का स्थगित किया गया है।
कमेटी का चुनाव भी नहीं होगा
कमेटी के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद बागला ने बताया कि इस वर्ष प्रधान सभा का अधिवेशन और अध्यक्ष व महामंत्री का चुनाव भ्ज्ञी नहीं होगा। प्रभु कृपा से निवर्तमान प्रबंध कार्यकारिणी इस वर्ष यथावत काम करती रहेगी। प्रभु श्रीराम के महोत्सव का आयोजन मानसिक रूप से प्रतीक स्वरूप देव मंदिरों व अपने निवास स्थानों पर मनाते हुए प्रचार-प्रसार, झांकी-दर्शन आदि सोशल मीडिया व लोकल टीवी चैनलों के माध्यम से भक्तों को कराएंगे।
बैठक में यह रहे मौजूद
बैठक में उपाध्यक्ष डॉ. अनुराग शुक्ला, विनोद जौहरी, शांतिस्वरूप गोयल, राकेश जैन, दिनेश बंसल, भगवान दास बंसल, विजय प्रकाश गोयल, अजय शुक्ला, प्रेमकिशन अग्रवाल, मनोज पोली, संजय तिवारी, राहुल गौतम आदि शामिल हुए। संचालन मंत्री राजीव अग्रवाल ने किया।