फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट: अपने शहर की बेरुखी न बर्दाश्त कर सके बब्बर
जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभा पाने को स्वयं को माना दोषी 4.95 लाख वोटों से हारे। टीम को भी थी कड़े मुकाबले की उम्मीद। झटका लगा उतना ही बड़ा।
आगरा, जागरण संवाददाता। लोकसभा चुनाव में अपने शहर की बेरुखी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर को बर्दाश्त न हुई। फतेहपुर सीकरी सीट पर उन्हें दूसरी बार पराजय का मुंह देखना पड़ा। ताजा हार भी इतनी जबर्दस्त कि जमानत भी न बच सकी। हार से आहत बब्बर ने ट्वीट कर प्रदेश में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए स्वयं को दोषी माना है। उन्होंने अपने इस्तीफे की भी पेशकश कर दी है। कांग्रेस ने राजबब्बर को मुरादाबाद से चुनाव लड़ने के लिए टिकट थमाई थी, लेकिन अपने शहर का लगाव उन्हें फतेहपुर सीकरी खींच लाया। लेकिन, जनता की बेरुखी उन्हें भारी पड़ गई। भाजपा के राजकुमार चाहर ने उन्हें रिकॉर्ड 4.95 लाख वोटों से हराया। फतेहपुर सीकरी में हार-जीत के इतने बड़े अंतर की उम्मीद किसी को भी नहीं थी। यही वजह थी कि गुरुवार को दोपहर दो बजे ही वो मतगणना स्थल से लौट गए थे। राज बब्बर ने शुक्रवार को ट्वीट कर उप्र में लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली। उन्होंने लिखा, जनता का विश्वास हासिल करने के लिए विजेताओं को बधाई। उप्र कांग्रेस के लिए परिणाम निराशाजनक हैं। अपनी जिम्मेदारी को सफल तरीके से नहीं निभा पाने के लिए खुद को दोषी पाता हूं। नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखूंगा।
राजनीतिक करियर
- वर्ष 1989 में जनता दल में शामिल हुए। बाद में सपा में चले गए।
- सपा के टिकट पर 1994 से 1999 तक राज्यसभा सदस्य रहे।
- वर्ष 1996 में लखनऊ लोकसभा सीट से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ चुनाव लड़ा। 1.18 लाख वोटों से हारे।
- वर्ष 1999 में आगरा से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और तीन बार के भाजपा सांसद भगवान शंकर रावत को 1.12 लाख वोटों से हराया।
- वर्ष 2004 में एक बार फिर सपा के टिकट पर भाजपा के मुरारीलाल फतेहपुरिया को 57 हजार वोटों से हराया।
- वर्ष 2006 में सपा से निष्कासन।
- वर्ष 2006 में जनमोर्चा का गठन।
- वर्ष 2008 में सपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए।
- वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीकरी में बसपा की सीमा उपाध्याय से 9935 वोटों से हारे।
- वर्ष 2009 में फीरोजाबाद में लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव को 85 हजार से अधिक वोटों से हराया।
- वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद में भाजपा के जनरल वीके सिंह से 5.67 लाख वोटों से हारे।
- वर्ष 2015 में उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य चुने गए। वर्तमान में भी राज्यसभा सदस्य हैं।
- वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीकरी में भाजपा के राजकुमार चाहर से 4.95 लाख वोटों से हारे।
अपना बूथ भी नहीं जितवा सके
लोकसभा हो या विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस ने बूथों को मजबूत करने पर जोर दिया। पदाधिकारियों से लेकर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गईं। लोकसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष बब्बर अपने बूथ पर भी पार्टी के पक्ष में मतदान करवाने में सफल न हो सके। दयालबाग निवासी राज बब्बर आगरा उत्तर विधानसभा के मतदाता हैं। उनका मतदान केंद्र दयालबाग के अमर विहार स्थित राधा बल्लभ इंटर कॉलेज में था। यहां बूथ नंबर 269 से 276 तक बनाए गए थे। बब्बर का बूथ नंबर 272 था। उन्होंने मतदान भी किया था। उनके बूथ पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रीता हरित को 54 और गठबंधन प्रत्याशी मनोज कुमार सोनी को 91 वोट मिले। यहां भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल 428 वोट प्राप्त कर सबसे आगे रहे। बब्बर अपने बूथ पर ही कांग्रेस प्रत्याशी को जीत नहीं दिलवा सके। इस मतदान केंद्र पर 269 से 276 तक कुल आठ बूथ थे। इन पर कांग्रेस को 297, गठबंधन को 301 और भाजपा को 3013 वोट मिले।
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