Rain Water Harvesting: ट्रेन की धुलाई में हर माह 21 लाख लीटर पानी बचा रहा रेलवे
Rain Water Harvesting आगरा कैंट स्टेशन के कोच अनुरक्षण डिपो में लगाया गया है आटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट। एक ट्रेन की धुलाई में रेलवे बचा रहा 14 हजार लीटर पानी माह में 150 ट्रेनों की होती है धुलाई।
आगरा, गौरव भारद्वाज। पानी की हर बूंद सहजने के लिए रेलवे हर संभव प्रयास कर रहा है। स्टेशन से लेकर ट्रेन की धुलाई में पानी बचाने के लिए रेलवे ने मुहिम शुरू की है। इसके तहत आगरा रेल मंडल में आगरा कैंट स्टेशन पर ट्रेन की धुलाई में ही हजारों लीटर पानी की बचत के लिए आटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट से एक ट्रेन की धुलाई में ही 14 हजार लीटर पानी की बचत हो रही है। इस तरह रेलवे हर माह 21 लाख लीटर पानी की बचत कर रहा है।
आगरा कैंट स्टेशन से लंबी दूरी की ट्रेन संचालित होती है। ऐसे में ट्रेनों के रखरखाव और सफाई में बहुत समय लगता है। ट्रेनों को धोने में कई हजार लीटर पानी खर्च होता है। ऐसे में पानी की बचत के लिए रेलवे ने दो माह पहले कोच अनुरक्षण डिपो में आटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट लगाया। इस प्लांट के लगने से पहले एक ट्रेन के एक कोच को धोने में करीब एक हजार लीटर पानी खर्च होता था। इस तरह 24 कोच धोने में 24 हजार लीटर पानी खर्च होता था। मगर, अब आटोमैटिक मशीन से ट्रेन की धुलाई में करीब 10 हजार लीटर पानी से 24 कोचों की धुलाई हो रही है। इस तरह एक ट्रेन की धुलाई में करीब 14 हजार लीटर पानी बच रहा है। आगरा रेल मंडल के पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे जल संरक्षण के लिए लगातार काम कर रहा है। आटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट से हजारों लीटर पानी की बचत की जा रही है। इसके साथ कम समय में धुलाई हो रही है।
हर दिन पांच ट्रेनों की धुलाई
पीआरओ ने बताया कि कोच वाशिंग प्लांट पर हर दिन औसतन पांच ट्रेनों की धुलाई होती है। ऐसे में एक दिन में पांच ट्रेनों की धुलाई में 70 हजार लीटर पानी की बचत हो रही है। अगर पूरे माह में 150 ट्रेनों की धुलाई होती है तो 21 लाख लीटर पानी बचाया जा रहा है।