मेडिकल स्टोरों पर छापे, एक लाख की दवाओं की बिक्री पर रोक
- साबिर मेडिकल एजेंसी के थोक लाइसेंस से बिक रही खुदरा में दवाएं - दवाओं की खरीद और बिक्री का मांगा गया ब्योरा
आगरा, जागरण संवाददाता। औषधि विभाग की टीम ने शनिवार को थोक और खुदरा दवा की दुकानों पर छापे मारे। थोक दवा की दुकान पर बिल न दिखाने पर एक लाख की दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। दवाओं की खरीद और बिक्री का ब्योरा मांगा गया है।
औषधि निरीक्षक ब्रजेश यादव ने बताया कि गुलशेर संचालक अनीस मेडिकल स्टोर, टेढ़ी बगिया पर छापा मारा। यहां फार्मेसिस्ट नहीं मिला, उसे बुलाने के लिए कहा, कुछ देर बाद फार्मेसिस्ट पहुंचा। मगर, वह दुकान पर बैठता है, ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सका। दवाओं की खरीद बिक्री का रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा था, शिड्यूल एच की दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं एक दवा के सैंपल लिए गए हैं। इसके बाद टीम ने अनीस अहमद की थोक दवा की दुकानसाबिर मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। यहां से मेडिकल स्टोर संचालकों को दवाओं की बिक्री की जानी चाहिए। मगर, मरीजों को भी दवाओं की बिक्री की जा रही थी। दवा की दुकान में क्षमता से ज्यादा दवाएं रखी हुई थीं। नारकोटिक्स और शिड्यूल एच की दवाओं का रिकॉर्ड मांगा गया है। बिल न दिखाने पर एक लाख की दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है, दो दवाओं के सैंपल की जांच कराई जा रही है। सहायक औषधि आयुक्त शिव शरण सिंह को दोनों दुकानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निरीक्षण रिपोर्ट दी गई है। फार्मेसिस्ट न मिलने पर दवा बिक्री पर लगेगी रोक : औषधि विभाग ने दवा की दुकानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। निरीक्षण के दौरान फार्मेसिस्ट न मिलने पर दवा बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। इसके बाद पंजीकरण निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
जिले में थोक और खुदरा दवा की 4300 दुकानें हैं। मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता है, इन दुकानों पर फार्मेसिस्ट की दवाओं की बिक्री कर सकता है। मगर, अधिकांश दुकानों पर फार्मेसिस्ट उपलब्ध नहीं हैं। एक फार्मेसिस्ट के नाम से कई मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं। शासन स्तर से औषधि विभाग को मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण करने और फार्मेसिस्ट न मिलने पर दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। सहायक औषधि आयुक्त शिव शरण सिंह ने बताया कि औषधि निरीक्षक की टीम मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण करेगी, फार्मेसिस्ट को मौके पर बुलाकर दवाएं कहां रखी हैं, यह पूछा जाएगा, जिससे फार्मेसिस्ट नियमित मेडिकल स्टोर पर आता है, इसका पता चल सके। फार्मेसिस्ट न मिलने पर दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी, इसके बाद पंजीकरण निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोरों की जांच
हॉस्पिटल में बिना पंजीकरण और फार्मेसिस्ट के दवा की दुकानें चल रही हैं, इसकी भी जांच कराई जाएगी। यहां भी फार्मेसिस्ट न मिलने पर दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। ये है हाल
मेडिकल स्टोर - 2715
थोक दवा की दुकान - 1616