Move to Jagran APP

छात्र-छात्राओं ने सीखे श्रेष्ठता के गुण

आगरा: संस्कारों की पहली मशाल घर से ही जलती है। यहीं उन्हें बड़ों का आदर करना सिखाया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 10:03 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 10:03 PM (IST)
छात्र-छात्राओं ने सीखे श्रेष्ठता के गुण
छात्र-छात्राओं ने सीखे श्रेष्ठता के गुण

आगरा: संस्कारों की पहली मशाल घर से ही जलती है। यहीं उन्हें बड़ों का आदर करना सिखाया जाता है। माता-पिता इसकी शुरुआत करते हैं। इसके बाद स्कूल के शिक्षक उसे मंजिल तक पहुंचाते हैं। ये विचार दैनिक जागरण की संस्कारशाला में विजया इंटरनेशनल स्कूल, बिचपुरी रोड के प्रधानाचार्य फारुख खान ने व्यक्त किए।

loksabha election banner

सोमवार को स्कूल में आयोजित संस्कारशाला में शिक्षक का महत्व विषय पर जानकारियां दी गई। सीखपरक कहानी सुनने के बाद छात्र-छात्राओं ने कहा कि जिस प्रकार मूर्तिकार छैनी की मदद से पत्थर को तराशकर मूर्ति बनाते हैं, वैसे ही शिक्षक भी छात्रों को श्रेष्ठ बनाने का काम करते हैं। ये बने विजेता

संस्कारशाला में शिक्षक का महत्व विषय पर सुनाई गई कहानी से पांच प्रश्न पूछे गए। इसमें सर्वप्रथम जबाव देने वाले पांच छात्र-छात्राएं कार्तिक जैन, वंश अग्रवाल, कुशल शर्मा, कृष्णा माथुर और पर्याल जैन विजयी बनीं।

संस्कार की पहली पाठशाला घर से मिलती है। घर के सदस्य ही बड़ों का आदर-सम्मान करना सिखाते हैं।

सनाया संस्कार की पहली कड़ी बड़ों का आदर करना है। इससे हमारे आचरण की पहचान होती है।

राहुल संस्कारवान बनाने में गुरु की महत्ता का बखान नहीं किया जा सकता। उनका सही मार्गदर्शन हमें प्रेरणा देता है।

अनुष्का शिक्षक की महत्ता समझने के लिए कबीरदास, सूरदास को पढ़कर प्रेरित होना चाहिए। उन्होंने गुरु की महिमा का सुंदर वर्णन किया है।

आदित्य गुरु हमेशा शिष्य को शीर्ष पर पहुंचाने का भरसक प्रयास करते हैं। उनके डांटने को हमें गलत नहीं समझना चाहिए।

प्रांजल दैनिक जागरण के इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों को प्रेरणा मिलती है। इन्हीं वजहों से उनके संस्कारों में वृद्धि होती है।

अर्पिता शर्मा संस्कारों की नींव माता-पिता ही रखते हैं। इसमें स्कूल के शिक्षकों का भी काफी योगदान होता है। हमें गुरु से प्रेरणा लेनी चाहिए।

निखिल छैनी की मार से जिस प्रकार पत्थर भी मूर्ति का रूप ले लेता है। वैसे ही गुरु की डांट से बच्चों की प्रतिभा में निखार आता है और वो सफल होते हैं।

शिशरा अपना सम्मान चाहते हैं तो हमें दूसरों का भी सम्मान करना होगा। इससे संस्कारों के बारे में पता चलता है।

सृष्टि


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.