International Drug Supplier: विदेशों तक फैला था नशीली दवाओं का कारोबार, पंजाब पुलिस खोलेगी आगरा के अरोड़ा बंधुओं का चिट्ठा
International Drug Supplier नशीली दवाओं के तस्करों को लेकर दोबारा आएगी टीम। गैंग में शामिल आगरा के अन्य कारोबारियों की भी कर रही जानकारी।
आगरा, जागरण संवाददाता। पांच देशों और 11 राज्यों में नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले गैंग का सरगना जितेंद्र उर्फ विक्की अरोड़ा पंजाब पुलिस की गिरफ्त में हैं। इस गैंग से आगरा के कई अन्य व्यापारी भी परदे के पीछे से जुड़े हैं। इनका चिट्ठा भी पंजाब पुलिस तैयार कर रही है। दोनों भाइयों की कोर्ट से चार दिन की रिमांड स्वीकृत हो गई है। अब उन्हें लेकर पंजाब पुलिस दोबारा यहां आएगी।
नशीली दवाओं की तस्करी में पंजाब के बरनाला में पुलिस ने हरीश भाटिया समेत अन्य को गिरफ्तार कर भारी मात्रा मे नशीली दवाएं बरामद की थीं। इसके बाद शनिवार को सुबह पुलिस ने आगरा पुलिस के साथ कमला नगर में छापा मारा। कमला नगर एफ ब्लॉक से जितेंद्र अरोड़ा और उसके भाई कपिल अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। पंजाब पुलिस ने उनके गैंग के बारे में पूछताछ की थी। इसमें शीतला गली निवासी दो भाइयों और कमला नगर के कर्मयोगी एन्क्लेव निवासी एक व्यवसायी का नाम सामने आया हैं। गैंग में हरीश समेत आठ लोगों के नाम सामने आ गए हैं। इनमें से गौरव अग्रवाल, धीरेंद्र राठौर और हरीश को भी पंजाब पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें शामिल आगरा के तीन सदस्य अभी फरार हैं। बरनाला के इंस्पेक्टर बलजीत सिंह के अनुसार, इस गैंग में आगरा के कई अन्य व्यवसायी भी शामिल हैं। इनके बारे में अभी विक्की अरोड़ा से जानकारी की जा रही है। विक्की अरोड़ा और उसके भाई कपिल अरोड़ा को कोर्ट के सामने पेश किया था। कोर्ट ने चार दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकृत कर दी है।अब इन्हें लेकर टीम आगरा आएगी। आरोपितों का दवा गोदाम भी सील किया गया था। टेक्नीकल टीम को साथ लाकर उसे खोला जाएगा। उसमें रखी दवाओं से और जानकारी जुटाई जाएगी। आरोपितों की फर्म के कागजात और सेल, परचेज के कागजातों को भी कब्जे में लेकर जांच की जाएगी।
दस हजार का कार्टन बिकता था आठ लाख में
पुलिस के अनुसार, विक्की अरोड़ा और उसका भाई कपिल दस हजार रुपये कीमत की नशीली दवा के कार्टन को पचास हजार में खरीदते थे। यह दूसरे राज्यों में थाेक दवा विक्रेताओं को डेढ़ लाख रुपये का और वहां से थोक विक्रेता रिटेलर को तीन लाख रुपये का बेचते थे। अंत में रिटेलर इसी दवा को छह से आठ लाख रुपये की बेच देते हैं। इस तरह नशीली दवा के कारोबार में इससे जुड़े लोग हर स्तर पर मोटा मुनाफा कमाते हैं।