छात्रवृत्ति न मिलने पर जड़ा ताला, छात्र बेहोश
जागरण संवाददाता, आगरा: आंबेडकर विवि की अव्यवस्था से छात्रवृत्ति रोके जाने पर शनिवार को छात्रों ने प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, आगरा: आंबेडकर विवि की अव्यवस्था से छात्रवृत्ति रोके जाने पर शनिवार को छात्रों ने जमकर हंगामा किया। सुबह छात्रों ने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) के गेट पर ताला जड़ दिया। दोपहर में छात्र भूख हड़ताल पर बैठे गए, तेज धूप में दो छात्रों के बेहोश होने पर एसएन में भर्ती कराया गया। छात्रवृत्ति न मिलने पर विवि द्वारा फीस माफ किए जाने की मांग को लेकर विवि में छात्र-छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
विवि के इंजीनिय¨रग संस्थान आइईटी के 150 छात्रों की छात्रवृत्ति ऑनलाइन डाटा न होने पर रोक दी गई है। इसमें संशोधन का शनिवार को अंतिम दिन था, ऐसे में छात्र संघ और अभाविप कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में छात्रों ने सुबह आइईटी के गेट पर ताला जड़ दिया। छात्र-छात्राएं संस्थान के बाहर धरने पर बैठ गए, उन्हें समझाने पहुंचे चीफ प्रॉक्टर डॉ. मनोज श्रीवास्तव को छात्रों ने लौटा दिया। कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए डीएम गौरव दयाल से वार्ता करने की बात कहकर पुस्तक मेले में चले गए। इसकी जानकारी होते ही छात्र भूख हड़ताल पर बैठ गए। तेज धूप से छात्र अखिलेश यादव बेहोश हो गए, उन्हें एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। इसके बाद धरना स्थल पर एंबुलेंस पहुंची, इसी दौरान एक और छात्र राम मिश्रा बेहोश हो गए। उन्हें भी एसएन में भर्ती कराया। छात्रों की मांग है कि छात्रवृत्ति न मिलने पर विवि फीस माफ करे, आइईटी के आठ छात्र मांग पूरी न होने तक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। पीआरओ डॉ. गिरजा शंकर शर्मा ने बताया कि डीएम द्वारा सोमवार को बैठक बुलाई गई है, इसमें छात्रों की समस्या का निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद भी छात्र मानने को तैयार नहीं है।
78 हजार छात्रवृत्ति, चार छात्र लौट गए घर
आइईटी के छात्रों को 78 हजार छात्रवृत्ति मिलती है, अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 84 हजार छात्रवृत्ति है। छात्रवृत्ति न मिलने पर छात्रों को अपनी तरफ से फीस जमा करनी पड़ेगी। छात्रों के सामने फीस की समस्या खड़ी हो गयी है, चार छात्र पहले ही घर लौट गए हैं। वहीं, बेहोश हुए अखिलेश यादव के पिता की एम्स में बाईपास सर्जरी हुई है, उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उसके लिए भी पढ़ाई जारी रखना मुश्किल है।
छात्र संघ उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव टंकी पर चढ़े
दोपहर में छात्र संघ उपाध्यक्ष कृतिका सोलंकी और संयुक्त सचिव कुनाल दिवाकर पानी की टंकी पर चढ़ गए। पुलिस और साथी छात्रों ने उन्हें नीचे उतारने के प्रयास किए, करीब 30 मिनट तक हंगामा चलता रहा। इसके बाद दोनों टंकी से नीचे उतर आए।
कानपुर से आए डीन की लापरवाही से अटकी छात्रवृत्ति
इससे पहले आइईटी के छात्रों को छात्रवृत्ति मिलती रही है। इस बार नियमों को ताक पर रखकर कानपुर के रिटायर प्रोफेसर डीके सिंह को आइईटी का डीन बना दिया गया। पांच फरवरी तक समाज कल्याण विभाग के साफ्टवेयर में छात्रों के नंबर अपलोड करने थे। इसमें छात्रों का वार्षिक रिपोर्ट कार्ड दर्ज किया जाता है। आइईटी में सेमेस्टर से पढ़ाई होती है, ऐसे में पांच फरवरी को शाम पांच बजे डीन द्वारा अंक अपलोड कराए गए। इसे एनआइसी के सर्वर ने रिजेक्ट कर दिया। इस पर विवि प्रशासन ने ध्यान ही नहीं दिया।