Hathi Khana: कद्रदानों से पहले सूरत संवारने को नहीं आ रहे मजदूर, जानिए क्यों अटका हाथी खाना स्मारक का संरक्षण
Hathi Khana मजदूरों की छुटि्टयों में अटका हाथीखाना का संरक्षण। ताजमहल के नजदीक स्थित है एएसआइ द्वारा संरक्षित स्मारक। संरक्षित घोषित करने के बाद एएसआइ ने ली है संरक्षण की सुध। इसमें केवल विशाल द्वार बचा है। स्थापत्य कला से इसे जहांगीर के समय का माना जाता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल के नजदीक स्थित हाथीखाना का संरक्षण मजदूरों की छुट्टियों में अटक गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने दीपावली पूर्व स्मारक के संरक्षण को काम शुरू कराया था। एक-दो दिन काम हुआ, लेकिन उसके बाद दीपावली की छुटि्टयां पड़ गईं। अब सहालग के चलते मजदूर नहीं आ रहे हैं। इससे काम अटका पड़ा है।
ताजमहल पूर्वी गेट से नगला पैमा जाने वाले मार्ग पर हाथीखाना पड़ता है। इसमें केवल विशाल द्वार बचा है, जो कि जर्जर है। स्थापत्य कला से इसे जहांगीर के समय का माना जाता है। एएसआइ ने इसे अगस्त, 2018 में संरक्षित स्मारक घोषित किया था। सितंबर में एएसआइ ने हाथीखाना के संरक्षण को टेंडर किया था। यहां छह से सात फुट की ऊंचाई तक दीवारों की मरम्मत कर उस पर चूने का प्लास्टर व प्वाइंटिंग की जानी है। लंबे समय से उपेक्षित स्मारक की दीवारें नीचे से ईंटें निकलने से खोखली हो चुकी हैं। उसकी मेहराब में दरार आ चुकी है। इसके लिए यहां सबसे पहले मलबा हटाया जाएगा। दरवाजे में रास्ते के फर्श का ओरिजनल लेवल खोदाई कर निकाला जाएगा। इसके लिए एएसआइ ने दीपावली पूर्व यहां खोदाई शुरू कराई थी। एक ही जगह खोदाई की जा सकी थी। इसके बाद दीपावली की छुटि्टयां आने से काम रुक गया। इसके बाद यहां काम दोबारा शुरू नहीं हो सका है। सहालग के चलते मजदूर लौटे नहीं हैं। उनके लौटने के बाद ही काम की शुरुआत हो सकेगी।