प्रेम और मेलजोल बढ़ाता है धर्म में लगा धन
बालाजीपुरम में चल रही है भागवत कथा
आगरा, जागरण संवाददाता। धर्म में लगा धन प्रेम और मेलजोल बढ़ाता है और गलत कार्याें में लगाया गया धन जेल कराता है। ईश निदा और पर-निदा से बड़ा कोई पाप नहीं है। पहले सभी घरों में गुरु, विप्र और देव पूजन होता था, आज कितने घरों में हो रहा है। आज घर-घर कुत्तों का पूजन हो रहा है।
बालाजीपुरम में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन स्वामी रामप्रपन्नाचार्य ने यह प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि मंदिर जाओ, कुछ मांगना है तो धर्म मांगो, क्योंकि धर्म आपके साथ है तो सब कुछ आपके साथ होगा। मानव योनि ही धर्म योनि है, बाकी सब भोग योनि हैं। स्वामी रामप्रपन्नाचार्य ने कहा कि सद्गुरु की कृपा के बिना आत्मज्ञान संभव नहीं है। मन को अर्पण कर भागवत सुनो तभी कल्याण संभव है। भागवत कल्पतरु है। इसके श्लोक को सुनते ही कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने तीसरे दिन राजा परीक्षित के जन्म, नारद जी के जन्म, सनकादिक ऋषियों द्वारा सूत जी के सृष्टि विषयक प्रश्नों के उत्तर, ध्रुव चरित्र, जड़ भरत चरित्र, अजामिल उपाख्यान, नृसिंह अवतार की कथाएं सुनाईं। भानुदेवाचार्य, केके भारद्वाज, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, ठाकुर राजवीर सिंह, महावीर सिंह चाहर, मुन्ना कुलश्रेष्ठ, पं. रघुवीर दास दीक्षित, विष्णु पंडित आदि मौजूद रहे।