पर्यटकों को नहीं परेशान करेंगे उखड़े पत्थर, आगरा किला में होगा अब ये काम Agra News
अमर सिंह द्वार से जहांगीरी महल तक पाथवे का होगा संरक्षण। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मुख्यालय भेजा प्रस्ताव खर्च होंगे 35 लाख रुपये।
आगरा, निर्लोष कुमार। आगरा किले में अमर सिंह द्वार से जहांगीरी महल तक प्राचीन पाथवे का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा किया जाएगा। पाथवे के खराब हो चुके पत्थरों को बदला जाएगा। इस पर करीब 35 लाख रुपये खर्च होंगे।
आगरा किले के वर्तमान में केवल दो गेट खुले हुए हैं। दिल्ली दरवाजा सेना के अधिकार क्षेत्र में है। पर्यटकों को अमर सिंह द्वार से प्रवेश दिया जाता है। अमर सिंह द्वार से जहांगीरी महल तक जाने वाले प्राचीन पाथवे के कई पत्थर खराब हो चुके हैं। उनमें गड्ढे हो चुके हैं। इससे स्मारक की छवि खराब होने के साथ ही पर्यटकों के लिए भी गड्ढों के चलते असहज स्थिति रहती है। प्राचीन पाथवे में चढ़ाई अधिक है। इस पर कोई फिसले नहीं, इसलिए लाइनिंग वाले पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता था। लाइनिंग वाले खराब हुए पत्थरों को भी बदला जाएगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर एएसआइ के आगरा सर्किल कार्यालय से मुख्यालय को भेज दिया गया है।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि आगरा किले में पाथवे के संरक्षण का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। टेंडर होने के बाद काम कराया जाएगा।
ओरिजनल लेवल को करेंगे रीस्टोर
आगरा किले में अमर सिंह द्वार से प्रवेश करते समय बायीं तरफ ऊंचा प्लेटफार्म है। इसके ओरिजनल लेवल को रीस्टोर किया जाएगा। इसे पाथवे के लेवल पर कर दिया जाएगा। इससे पर्यटकों की सुरक्षा जांच को यहां जगह उपलब्ध हो सकेगी।
बंशी पहाड़पुर से आएगा पत्थर
आगरा के स्मारकों में तांतपुर से आया हुआ रेड सैंड स्टोन लगा हुआ है। यहां अब पत्थर खत्म हो चुका है। जिसके चलते अब राजस्थान के भरतपुर स्थित बंशी पहाड़पुर से आया पत्थर मंगाया जा रहा है। स्मारकों में संरक्षण कार्यों में अब बंशी पहाड़पुर से आए पत्थर का ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
वर्ष 2005 में हुआ था संरक्षण
आगरा किले में प्राचीन पाथवे का संरक्षण वर्ष 2005 में आगा खां ट्रस्ट द्वारा कराए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम से पूर्व किया गया था। तब पाथवे के खराब हो चुके 100 से अधिक पत्थरों को बदला गया था।