कैसे पलेंगी गायें, चारागाह की जमीन पर चरी उगाने की योजना हवा-हवाई Agra News
गोशाला में हरे चारे के अभाव में केवल भूसा खाने को मजबूर हैं गायेें। पशु पालन व कृषि विभाग को मिलकर करना था कार्य।
आगरा, जागरण संवाददाता। गोशाला में बेसहारा पशुओं के लिए हरे चारे की कमी पूरा करने को नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायत में चारागाह की जमीनों पर चारा बोने की योजना अभी तक ठंडे बस्ते में है। डीएम ने इसके लिए पशुपालन, कृषि एवं सिंचाई विभाग को जिम्मेदारी सौंपी थी। तीनों विभागों के अधिकारी योजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालकर हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं।
सरकारी अभिलेखों में आगरा में 897 हेक्टेयर भूमि चारागाह के रूप में दर्ज है। अधिकांश जगह पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। पिछले दिनों चले अभियान के तहत 50 हेक्टेयर भूमि प्रशासन ने खाली भी करा ली। उसके बाद अभियान बंद हो गया। शासन की योजना थी कि खाली हुई चारागाह की जमीन पर हरा चारा उगाया जाए। ताकि गोशाला में चल रही हरे चारे की समस्या से निजात मिल सके, लेकिन पशुपालन विभाग ने इसमें रुचि नहीं ली। पशुपालन विभाग के अधिकारी प्रशासन पर जमीन खाली कराकर न देने की बात कहकर पल्ला झाडऩे का प्रयास कर रहे हैं। जबकि कृषि विभाग के अधिकारी डॉ. राम प्रवेश ने बताया कि उनका कार्य बीज देना था। चारागाह की जमीन में हरे चारे के लिए यदि बीज मांगा जाता तो उपलब्ध कराया जाता। उद्यान विभाग ने सिंघाना फार्म में हरे चारे के लिए बीज मांगा था, मांग के अनुरूप उन्हें बीज दिया गया।
अकोला में है सबसे ज्यादा चारागाह की जमीन
आगरा के छह ब्लाक में देखा जाए तो सबसे ज्यादा चारागाह की जमीन अकोला ब्लॉक में है। यहां 209 हेक्टेयर जमीन चारागाह के रूप में दर्ज है। इसके बाद खेरागढ़ में 119, सैंया में 107 तथा फतेहाबाद ब्लॉक में 104 हेक्टेयर जमीन चारागाह की है। इसके साथ ही नगरीय क्षेत्र में 75 हेक्टेयर चारागाह की जमीन है। इसमें नगर निगम की 42 हेक्टेयर जमीन कहां गई, इसका पता ही नहीं है।