Garbage collection: घरों पर लगीं QR Code Plate, कचरा उठाने नहीं आया कोई Agra News
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में घोटाले के बाद हटा दी गई हैं पांच कंपनियां डेढ़ माह पूर्व शुरू हुई थी नई योजना। अब नगर निगम प्रशासन ही कर रहा है डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन।
आगरा, जागरण संवाददाता। प्रोजेक्ट अच्छा था। नगर निगम ने शहर के जिन घरों से हाउस टैक्स वसूल रहा है। अब उन घरों का कचरा भी उठवाएगा। अभी तक शहर में हो ये रहा था कि हाउस टैक्स देने के बाद भी अधिकांश नवविकसित इलाकों में लोग प्राइवेट सफाई कर्मियों को भुगतान कर रहे हैं। अफसोस ये है कि यह महत्वाकांक्षी योजना भी ठंडी पड़ गई है। इस योजना में प्राइवेट कंपनियों की गड़बड़ी सामने आने के बाद डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में स्मार्ट हाजिरी की व्यवस्था फिलहाल ठप पड़ी है। नगर निगम ने हटाई गई पांचों कंपनियों से हैैंड हेल्ड मशीनें वापस मांगी हैैं। इसके बाद ही यह व्यवस्था शुरू हो सकेगी।
नगर निगम के 100 वार्डों में 3.10 लाख भवन हैं। अब तक दो लाख भवनों में क्यूआर कोड की प्लेट लग चुकी है। यह कार्य तेजी से चल रहा है, जबकि डेढ़ माह पूर्व अरवा एसोसिएट, ओम मोटर्स, स्पाक ग्लोबल, सेवा, एसआरएमटी कंपनियों को नगर निगम सदन में तीन सौ मशीनें दी गई थीं। यह मशीनें सभी सफाई कर्मियों को देनी थी और कूड़ा कलेक्ट करने के बाद मशीन को प्लेट से टच करना था। इससे तुरंत हाजिरी लगनी थी। यह इसलिए किया गया था जिससे डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में किसी तरीके के फर्जीवाड़े को रोका जा सके। तीन सौ हैंड हेल्ड मशीनों का वितरण कर दिया गया। एक हैंड हेल्ड मशीन में ढाई सौ घरों से कूड़ा उठान की फीडिंग हो सकती थी। एक कर्मचारी को एक हजार घरों से कूड़े का उठान करना है। मेयर नवीन जैन ने बताया कि कंपनियों से हैंड हेल्ड मशीन लौटने के लिए कहा गया है।
शोपीस बनी क्यूआर कोड प्लेट
दयालबाग में तमाम कॉलोनियों में डेढ़ माह पहले नगर निगम कर्मी आकर क्यूआर कोड प्लेट लगा गए थे। पुष्पांजलि बाग निवासी प्रदीप पुरी ने बताया कि गृहकरदाताओं को भरोसा दिलाया गया कि 15 दिन में नगर निगम के सफाई कर्मचारी कॉलोनी में आने लगेंगे और सफाई वे ही करेंगे। इसके करीब 15 दिन बाद फिर अधिकारी पहुंचे, सर्वे किया कि सभी घरों पर क्यूआर कोड प्लेट लग गए हैं। वे भी आश्वासन दे गए कि सप्ताह भर में सरकारी सफाईकर्मी आने लगेंगे। इस बात को भी समय हो चुका लेकिन सफाई कर्मचारी नहीं पहुंचे हैं। लोग अब भी प्राइवेट सफाईकर्मी से ही काम करा रहे हैं।