Tajmahal: सुप्रीम कोर्ट में रोजी-रोटी बचाने के लिए संघर्ष करेंगे ताजगंज के हजारों लोग, एडीए ने सर्वे के लिए लगाईं दो टीमें
Supreme Court On Tajmahal ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में व्यवसायिक गतिविधि पर रोक का मामला। मुख्यमंत्री दरबार के साथ सुप्रीम कोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा। विधायक डा. जीएस धर्मेश व पूर्व विधायक केशो मेहरा का क्षेत्रीय लोगों को समर्थन।
आगरा, जागरण संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम लड़ाई लड़ी जाएगी। ताजगंज के निवासी मुख्यमंत्री दरबार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाएंगे। इसके लिए संयुक्त संघर्ष समित बनाने के साथ ही चंदा किया जा रहा है। विधायक डा. जीएस धर्मेश, पूर्व विधायक केशो मेहरा और पर्यटन संस्थाओं ने क्षेत्रीय निवासियों को समर्थन प्रदान किया है।
आंदोलन के लिए स्थानीय लोगों ने बैठक की
ताजमहल के पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी गेट के दुकानदारों और ताजगंज बाजार के दुकानदारों व निवासियों की बैठक गुरुवार शाम पाठक प्रेस बैरियर पर हुई। क्षेत्रीय निवासियों ने आंदोलन के लिए संयुक्त संघर्ष समिति बनाने का निर्णय लिया। इसका अध्यक्ष पूर्व विधायक केशो मेहरा को बनाने का प्रस्ताव रखा गया।
पूर्व विधायक ने इन्कार करते हुए किसी क्षेत्रीय व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने की बात कही। उनकी हामी के लिए शुक्रवार तक इंतजार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राहत पाने को पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात वक्ताओं ने कही।
सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ने को चंदा शुरू
सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ने को चंदा करना शुरू कर दिया गया है। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान, होटल एंड रेस्टोरेंट आनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रमेश वाधवा ने ताजगंज के निवासियों के संघर्ष को समर्थन प्रदान किया। रमाकांत सारस्वत, ताहिरउद्दीन ताहिर, इब्राहिम जैदी समेत ताजगंज के प्रमुख लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री को कराएंगे अवगत
विधायक डा. जीएस धर्मेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के आदेश से हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित होगी। पूरे प्रकरण से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया जाएगा। क्षेत्रीय लोगों की उनसे मुलाकात कराने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री से मांग की जाएगी कि सुप्रीम कोर्ट में ताजगंज के निवासियों की उचित पैरवी की जाए, जिससे कि उनकी रोजी-रोटी प्रभावित नहीं हो।
नहीं छीन सकते किसी की रोजी-रोटी
पूर्व विधायक केशो मेहरा ने बताया कि पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की जनहित याचिका में अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के तहत ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश किया गया है।
संविधान का अनुच्छेद 39 (जीविका का अधिकार) लोगों को रोजी-रोटी कमाने का अधिकार देता है, यह मौलिक अधिकार है। इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी तो वह व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक के आदेश को वापस ले लेगा।
पूर्व में कर चुके हैं पैरवी
पूर्व विधायक केशो मेहरा ने बताया कि वर्ष 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के आसपास की 500 दुकानों को ध्वस्त करने का आदेश किया था। तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बहस की थी। यहां दुकानें प्राचीन हैं और इनके खुलने से वायु प्रदूषण भी नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट का 1996 का आदेश केवल प्रदूषणकारी गतिविधियों पर रोक लगाने का है। ताजगंज का जैन मंदिर तो ताजमहल से भी पुराना है।
ये भी पढ़ें...
सर्वे को एडीए ने लगाईं दो टीमें
ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में हो रही व्यावसायिक गतिविधियों को चिह्नित करने के लिए आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने दो टीमें लगाई हैं। यहां बने मकानों में हो रही प्रत्येक गतिविधि काे चिह्नित किया जा रहा है। इसका 2001 में एडीए, नगर निगम व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा किए गए संयुक्त सर्वे की रिपोर्ट से मिलान किया जाएगा।
सर्वे की जानकारी देने से बच रहे एडीए अधिकारी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने को एडीए द्वारा सर्वे शुरू किया गया है। सर्वे में दो टीमें इस परिधि में हो रही व्यावसायिक गतिविधियों को चिह्नित करने में जुटी हैं।
प्रत्येक मकान व दुकान में हो रहे कार्याें की प्रवृत्ति के अनुसार रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। सर्वे कब तक पूरा होगा, इस बारे में एडीए अधिकारी कुछ कहने से बच रहे हैं। वह शीघ्र सर्वे पूरा किए जाने की बात कर रहे हैं।
सर्वे से कारोबारी और व्यापारी हैं परेशान
सर्वे से ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में आ रहे कारोबारी और निवासी परेशान हैं। उन्हें अपने रोजगार की चिंता सता रही है। एडीए द्वारा किए जा रहे सर्वे का मिलान वर्ष 2001 के सर्वे की रिपोर्ट से किया जाएगा। इससे 21 वर्षों में क्षेत्र में हुए बदलाव की जानकारी भी मिल सकेगी।