DBRAU: प्रो. आशु रानी बनी आंबेडकर विश्वविद्यालय की पहली महिला पूर्णकालिक कुलपति
Dbrau कोटा राजस्थान की प्रोफेसर आशु रानी को कुलाधिपति ने डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया है। वह जल्द ही चार्ज लेने के लिए आ सकती हैं।आगरा में है पैतृक निवास तीन साल के लिए हुई नियुक्ति- कोटा विश्वविद्यालय में रही हैं रसायन विज्ञान की शिक्षक।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोटा विश्वविद्यालय की रसायन विज्ञान की शिक्षक प्रो. आशु रानी डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की पहली महिला स्थायी कुलपति नियुक्त हुई हैं। वे सोमवार को चार्ज लेंगी। डा. रानी की मां बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय में हिंदी की प्रोफेसर रही थीं। उनका पैतृक निवास भी दयालबाग में ही है। प्रो. रानी की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने से तीन साल के लिए की गई है।
यनीवर्सिटी में 15 महीने से नहीं था स्थायी कुलपति
विश्वविद्यालय में पिछले 15 माह से स्थायी कुलपति नहीं था। पिछले साल जुलाई में प्रो. अशोक मित्तल को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कार्य विरत किया था। इस साल जनवरी में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। पिछले साल लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय को जिम्मेदारी दी गई। तीन महीने बाद इस साल जनवरी में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक को कार्यवाहक कुलपति बनाया गया।
अप्रैल में जारी हुआ था विज्ञापन
इस साल अप्रैल में कुलपति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने से विज्ञापन दोबारा निकाला गया। सर्च कमेटी ने कई दिन पहले पांच नाम दे दिए थे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को प्रो. आशु रानी का नाम फाइनल कर दिया।विश्वविद्यालय में 70 के दशक में छह महीने के लिए डा.एसपी सुखिया कार्यवाहक कुलपति रही थी, उस समय वे डीईआइ की निदेशक थीं।
कई जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं प्रो. रानी
प्रो. रानी के पास 25 साल का शिक्षण अनुभव है। कोटा विश्वविद्यालय में कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुकी प्रो. रानी आंबेडकर विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं को तकनीक की मदद से दूर करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में हर प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड होगी। चार्टों को डिजिटलाइज्ड किया जाएगा, उसका काम शुरू हो चुका है। पुराना बैकलाग खत्म करने में थोड़ा समय लगेगा। शिक्षा का स्तर सुधारना है।नैक प्राथमिकता है।विश्वविद्यालय को एक परिवार बनाना है। इसने कितने विवि दिए हैं। पहले वाली साख और रौनक वापस लानी है।
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बीएएमएस और एमबीबीएस होगी चुनौती
प्रो. रानी के सामने बीएएमएस और एमबीबीएस का मामला चुनौती के रूप में खड़ा है। इसके साथ ही हर पेपर लीक, नकलची, परीक्षा, परिणाम और विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
आगरा से है पुराना नाता
प्रो. रानी का पैतृक निवास दयालबाग में है। वहां, उनके दादा-दादी रहते थे। वो मूल रूप से हापुड़ जिले की रहने वाली हैं। उनकी मां डा. सरला वर्मा बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय में हिंदी की प्रोफेसर रही हैं। वहीं से वो सेवानिवृत्त हुईं।