CoronaVirus: प्रमुख सचिव ने मांगा IMA से सहयोग, कहा गंभीर मरीजों के इलाज में न आए कोई दिक्कत
बेकाबू हुए संक्रमण के हालात और गंभीर मरीजों को इलाज मिलने में परेशानी की समस्या पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और प्रमुख सचिव अवस्थापना ने की आइएमए के पदाधिकारियों संग बैठक।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना एक्सप्रेस की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए जिला प्रशासन नई रणनीति अपनाने पर काम कर रहा है। इसके अलावा अन्य बीमारियों के गंभीर मरीजों के इलाज में मंडरा रहे संकट का समाधान तलाशने में भी जुट गया है। मंगलवार को सर्किट हाउस में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे और प्रमुख सचिव अवस्थापना आलोक कुमार ने बैठक की। आला अफसरों ने एसोसिएशन के सदस्यों से मरीजों के इलाज में सहयोग के लिए कहा। साथ ही गंभीर मरीजों को सही तरीके से इलाज उपलब्ध कराने पर जोर दिया। बैठक में गंभीर मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से किया जाए। डायलिसिस या फिर कीमोथेरेपी के लिए आने वाले मरीजों को किसी तरीके की कोई दिक्कत ना होने पाए। जो भी निजी अस्पताल खुले हैं उन्हें 33 फीसद स्टाफ के साथ रन किया जाए साथ ही कोरोना से बचाव के सभी इंतजाम किए जाएं, मुख्य बिंदुु रहे। इस दौरान मंडल आयुक्त अनिल कुमार जिला अधिकारी प्रभु एन सिंह सहित अन्य अफसर मौजूद रहे।
12 गांवों में तलाशे जाएंगे संक्रमित मरीज
सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्रमुख सचिव अवस्थापना आलोक कुमार, प्रमुख सचिव चिकित्सा रजनीश दुबे, आईजी विजय प्रकाश, एसजीपीजीआई में पल्मोनरी विभागध्यक्ष प्रो आलोक नाथ, अपर निदेशक डॉ अविनाश कुमार सिंह आगरा आए हुए हैं। सभी अला अधिकारियों ने जिला प्रशासनिक अधिकारियों से मरीजों के इलाज में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की। मरीजों और तीमारदारों की सुविधा के लिए दस स्वयं सेवकों की तैनाती के आदेश दिए। अब तक कितने पॉजिटिव केसों की ट्रैवल हिस्ट्री एवं कांटेक्ट हिस्ट्री उपलब्ध नहीं है। अफसरों ने कहा कि गैर जनपदों से आगरा आए प्रवासी मजदूरों की रिपोर्ट सीडीओ द्वारा एडीएम प्रोटोकॉल की दी जाएगी। ग्रामवार ग्राम निगरानी समिति गठित की जाएगी। इनकी लगातार मॉनीटरिंग होगी।
यह दिए दिशा- निर्देश
- 15 मई तक सीसीटी ऑक्सीजन गैस सप्लाई, बेड और सफाई व्यवस्था पूरी की जाए।
- पर्यवेक्षण का जिम्मा सीडीओ को दिया गया है।
- एसएन को और वेंटीलेटर मिलने जा रहे हैं। यह नोएडा से मिलेंगे।
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से समन्वय बनाए रखा जाए।
- एसएन में जो भी मरीज भर्ती हैं उन्हें समय पर खाना मिले। वहीं इसकी रिपोर्ट हर दिन देनी होगी।