Move to Jagran APP

ब्रज की होली: रेती में लोटपोट हो रमणबिहारी संग संत यहां खेलेंगे होली Agra News

रमणरेती आश्रम में चल रही तैयारियां। 27 को होगा मुख्य आयोजन।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 02:39 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 02:39 PM (IST)
ब्रज की होली: रेती में लोटपोट हो रमणबिहारी संग संत यहां खेलेंगे होली Agra News
ब्रज की होली: रेती में लोटपोट हो रमणबिहारी संग संत यहां खेलेंगे होली Agra News

आगरा, बांकेलाल सारस्वत। रमणरेती लोटो नहीं कियौ न जमुना पान। रे मन तू जानौ नहीं ब्रज कौ तत्व महान। ये वही रेत है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बचपन में मचल कर लोटपोट हुआ करते थे। गोकुल और महावन के बीच की यह पावन भूमि पर बिछी रेत की चादर यमुना की है। यहां लाखों भक्त आज भी इसी रेत में लोटपोट होने के लिए आ रहे हैं।

loksabha election banner

महावन और गोकुल के बीच कभी यहां जंगल हुआ करता था, लेकिन बदलते परिवेश के साथ यहां भी अट्टालिकाएं विकासित हो गई हैं। काष्र्णि गुरु शरणानंद ने भी अपना आश्रम यमुना किनारे बना लिया है। इसका नाम भी रमणरेती आश्रम रखा है। एक समय था, जब भक्त यमुना के किनारे की रेती में लोटपोट होने के लिए दूर दराज से आते थे। अब वे आश्रम में बिछी रेती तक ही सिमट तक रह गए हैं। अब श्रद्धालु इसी रेती में लोटपोट होकर अपने धन्य समझते हैं। उदासीन काष्र्णि आश्रम में होली को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। 27 फरवरी को होली का मुख्य आयोजन होगा। आश्रम में होने वाले संतसमागम में देश भर के महामंडलेश्वर और साधु संत आएंगे। यहां संत समाज भगवान भगवान रमण बिहारीजी के साथ फूल और टेसू के रंगों से होली खेलेंगे। मध्यप्रदेश की इंदौर मंडी से ग्यारह कुंतल फूल होली खेलने के लिए मंगाए गए हैं। गुलाब, गेंदा, कमल, डेजी, चंपा, चमेली, लिली, डाहलिया, हिबिस्कुस, सूरजमुखी, मैगनोलिया, बहुलिया, कचनार, कनेर और गुलमोहर के फूल शामिल हैं। फूलों की बरसात के बीच होली का उत्सव होगा। अबीर-गुलाल भी श्रद्धालुओं पर उड़ाया जाएगा। जयपुर से लाए गए टेसू के फूलों से 11 हजार लीटर पानी में यहां रंग तैयार किया जा रहा है। काष्र्णि गुरुशरणानंद अपने अनुयायियों पर सोने और चांदी की पिचकारी से रंग बरसाएंगे। महामंडेलश्वर, पीठाधीश्वर और भागवताचार्य भी धर्म का संदेश देंगे।

होली पर रोशनी से नहाएंगे आस्‍था के दर

बरसाना के होली महोत्सव को बरसाना-नंदगांव प्रांतीय मेला बनने के बाद इस बार ब्रज की होली को खास बनाने की मंशा है। यहां की लठामार होली देश-दुनिया के लिए आकर्षण रहती हैं। इस बार होली पर मंदिरों को विद्युत रोशनी से जगमग किया जाएगा। दिन में अबीर गुलाल से तो रात में सतरंगी विद्युत सजावट ब्रज का वातावरण सतरंगी प्रतीत होगा।

ब्रज की बरसाना, नंदगांव की लठामार होली आकर्षण का केंद्र हैं, इसके अलावा जन्मभूमि, वृंदावन, गोकुल, बलदेव, महावन, रावल की होली भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां के होली महोत्सव में शामिल होने के लिए देश-दुनिया से श्रद्धालु आते हैं।

इस बार होली पर ब्रज के मंदिरों को देख श्रद्धालु आकर्षित हुए बिना नहीं रह सकेंगे। रात में जगमग करते मंदिरों को देखकर लगेगा की तारे जमीन पर आ गए हैं। तीन मार्च को बरसाना में लड्डू होली के साथ होली की खुमारी छा जाएगी। प्रमुख मंदिरों पर ब्रज तीर्थ विकास परिषद के माध्यम से दो दिन सजावट होगी। इसमें बरसाना, नंदगांव, बिहारीजी, द्वारिकाधीश, गोकुल, बलदेव, रावल, महावन के मंदिरों की सजावट कराई जानी है। इसके लिए प्रशासन ने भी दिशा निर्देश दे दिए हैं।

जिला पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा ने बताया कि होली पर मंदिरों की सजावट कराई जाएगी। होली वाले स्थानों के मंदिरों की सजावट कराई जाएगी। जिन दिन होली होगी, उससे एक दिन पहले सजावट होनी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.