Covid-19: कोविड काल में गर्भवती महिलाओं को रहना होगा जागरूक और सुरक्षित
Covid-19 समय से करानी होगी अपनी कोविड जांच। गर्भवती महिलाओं का कोविड टेस्ट कराना है जरूरी।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोविड-19 को लेकर इन दिनों सरकार विभिन्न प्रकार की रणनीति बना रही है, ताकि कोविड-19 को कंट्रोल किया जा सके। विशेषज्ञाेें के मुताबिक मानसून में कोविड-19 घातक हो सकता है, क्योंकि मानसून आने के बाद मच्छर इत्यादि पनपने लगते हैं। इसके बाद बैक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया और डेंगू जैसे रोग सक्रिय हो जाते हैं, जो अपने आप में जानलेवा बीमारी होते हैं। ऐसे में कोविड-19 का तेजी से फैलने वाला वायरस ऐसे लोगों पर तेजी से संक्रमित कर सकता है। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है। क्योंकि गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर होती है और इस दौरान उन्हें कोविड-19 का संक्रमण होने का खतरा है।
जीवनी मंडी पीएचसी की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि गर्भावस्था में महिलाओं की इम्युनिटी आम दिनों के मुकाबले कम होती हैं। ऐसे में उन्हें कोई भी संक्रामक रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। कोविड-19 का संक्रमण और ज्यादा तेजी से फैल सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को ज्यादा सुरक्षित रहने की जरूरत है। गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर के संपर्क में जरूर रहें और रूटीन जांच कराते रहें। गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच एवं उपचार की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है।
गर्भावस्था में कमजोर होती है प्रतिरोधक क्षमता
प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा बताते हैं कि कोविड-19 वैसे तो सभी के लिए घातक हैं लेकिन गर्भावस्था में महिलाओं की इम्युनिटी थोड़ी कम हो जाती है, इसलिए उन्हें ज्यादा सुरक्षित रहने की जरूरत है। उन्हें इस दौरान घर के भीतर ही रहना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के स्वजनों की जिम्मेदारी इस मौके पर और ज्यादा बढ़ जाती है। यदि किसी गर्भवती महिला को कोविड-19 का संक्रमण हो जाता है तो डिलीवरी के बाद उस महिला को मामूली खांसी जुकाम से ही सीवियर निमोनियां होने में टाइम नहीं लगेगा और ये स्थिति उनके लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है।
गर्भवस्था के दौरान महिलाएं रखें विशेष ख्याल, न लें स्ट्रेस
कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। खांसी के दौरान अपने मुंह को ढक कर रखें। टिश्यू ना होने पर खांसी के समय अपने हाथ की बाजू से मुंह ढकें। बीमार लोगों से बिल्कुल भी न मिलें। भीड़ वाली जगहों पर ना जाएं। समय-समय पर हाथ धोते रहें और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहें। सावधानी रखें लेकिन घबराएं नहीं क्योंकि स्ट्रेस आपके बच्चे के लिए घातक हो सकता है।
एसएन में हो चुकी हैं 30 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी
सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में 20 अप्रैल को पहली कोविड-19 पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी हुई थी। लेकिन इसके बाद लगातार 30 से ज्यादा कोविड पॉजिटिव महिलाओं डिलीवरी हो चुकी है। इसमें महिलाएं समय से कोविड हॉस्पिटल पहुंच गई, इस कारण उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई और जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे। यदि एेसे केस में समय से डॉक्टर तक न पहुंचा जाए तो ये काफी घातक साबित हो सकता है।