Gram Panchayat Chunav: चुनाव जीतकर भी शपथ नहीं ले पाएंगे प्रधान, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
मैनपुरी जिले की एक चौथाई से ज्यादा ग्राम पंचायतों में नहीं पूरा हो रहा सदस्यों का कोरम। प्रधान पद के दावेदार- अधिकारियाें ने नहीं फरमाया गाैर सदस्यों की उपेक्षा बनी वजह। जिले में पंचायत चुनाव को 19 अप्रैल को मतदान और दो मई को मतगणना होगी।
आगरा, श्रवण शर्मा। मैनपुरी जिले में पंचायत चुनाव को 19 अप्रैल को मतदान और दो मई को मतगणना होगी, लेकिन चुनाव जीतकर भी प्रधान शपथ नहीं पाएंगे। शपथ के लिए उनको एक-दो माह का इंतजार करना होगा। इस अवधि में उनकी कार्य परिषद के सदस्य निर्वाचित होने के बाद शपथ होगी। प्रधान पद के लिए तो खूब दावेदार मैदान में कूदे हैं, लेकिन ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या पर किसी ने गाैर ही नहीं फरमाया। कई ब्लाकों में तो यह सदस्य पद के हिसाब से काफी कम चुनाव लड़ रहे हैं।जिले की 549 ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्यों के 6965 पद हैं। इसमें केवल 39 सौ पदों पर ही नामांकन हुए हैं। विराेधी नहीं होने से करीब पांच सौ ज्यादा सदस्य निर्विरोध हो चुके हैं, इसके बाद भी करीब साढ़े तीन हजार से अधिक पदों पर नामांकन ही नहीं हो सके। मैनपुरी ब्लाक के एडीओ पंचायत प्रशांत यादव ग्राम पंचायत के गठन के लिए कुल सदस्यों की संख्या का दो तिहाई निर्वाचित होना आवश्यक मानते हैं।-एक चौथाई से जयादा गांव ऐसे- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नामांकन से ही स्पष्ट हो गया है कि प्रधान के चुनाव के बाद भी जिले की लगभग एक चौथाई ग्राम पंचायतों में ‘सरकार’ नहीं बन पाएगी। इन पंचायतों में दो तिहाई से अधिक ग्राम पंचायत सदस्य पद पर नामांकन ही नहीं हुए हैं। सदस्यों के बगैर कोरम पूरा नहीं माना जाएगा, ऐसी स्थिति में उस गांव के नवनिर्वाचित प्रधान किसी तरह का विकास कार्य नहीं करा सकेंगे। ऐसी स्थिति मैनपुरी समेत नौ ब्लाकों में सामने आई है। सर्वाधिक कम सदस्य वाले ब्लाक में जागीर, कुरावली, घिरोर, किशनी और बरनाहल शामिल हैं।
उपेक्षा से पैदा हुए हालात
ग्राम सदस्य के पद रिक्त रहने का मुख्य कारण पंचायत के विकास का खाका तैयार करने में उनकी उपेक्षा है। निवर्तमान ग्राम पंचायत सदस्य वीरेंद्र सिंह का कहना है कि पूरे पांच साल कहीं भी उनकी सलाह नहीं ली गई। निवर्तमान ग्राम पंचायत सदस्य राकेश कुमार ने कहा कि सदस्यों को प्रधान ने तवज्जो ही नहीं दी। किसी बैठक में राय नहीं ली गई। जब कोई महत्व ही नहीं है तो कोई इस पद पर चुनाव क्यों लड़े। वैसे, सदस्य पद मात्र दिखावा ही रहता है। ग्राम प्रधान के पक्ष का होने पर कभी कभार बैठक में बुला भी लिया जाता है, विपक्षी सदस्यों को तो कभी पूछा तक नहीं जाता। पंचायत सचिव बैठकों की कोई जानकारी नहीं देते हैं। सदस्य केवल नाम का होता है। - कोरम बिना नहीं हो पाएंगे विकास कार्यसेवानिवृत डीपीआरओ विजय कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत सदस्यों के दो तिहाई निर्वाचित न होने पर प्रधान की शपथ नहीं हो पाएगी। कोरम पूरा न हो पाने से पंचायत के काम आरंभ नहीं हो पाते हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी स्वामीदीन ने कहा कि दो तिहाई सदस्य निर्वाचित होने पर ही ग्राम पंचायत की बैठक हो पाएगी। समितियों के गठन के बगैर कुछ नहीं कराया जा सकता है।-एक माह करना पड़ेगा इंतजार- कोरम के लिए ऐसे प्रधानों को एक माह का शपथ के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। अधिकारी मतगणना के बाद ऐसे गांवों में सदस्यों का कोरम पूरा कराने को जुटेंगे। ऐसे में अधिकांश सदस्य बिना खर्च और चुनाव के निर्विरोध सदस्य बन जाएंगे।
यह है ब्लाकवार ग्राम सदस्यों का आंकड़ा
---ब्लाक-- ग्राम सभा- सदस्य संख्या- कितने मैदान में-
बरनाहल- 58- 712-380
करहल- 65- 799- 248
मैनपुरी- 48- 640- 541
कुरावली- 64-698- 248
घिराेर- 57- 731-124
जागीर- 37- 485-172
बेवर- 87- 1079-500
किशनी- 62-806-209
सुल्तानगंज- 71-915-713
------योग- 549- 6965- 3311