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Positive India: आज जब दीप जलाएं तो ये तरीके भी अपनाएं, PM Modi भी मानते हैं रोशनी का असर

ज्‍योतिषाचार्य डॉ शोनू ने बताया दीपक जलाने का तरीका। खत्‍म होंगी नकारात्‍मक शक्तियां।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 04:37 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 04:37 PM (IST)
Positive India: आज जब दीप जलाएं तो ये तरीके भी अपनाएं, PM Modi भी मानते हैं रोशनी का असर
Positive India: आज जब दीप जलाएं तो ये तरीके भी अपनाएं, PM Modi भी मानते हैं रोशनी का असर

आगरा, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के बीच देश की जनता आज रात 9 बजे अपने घर में 9 मिनट तक दीप जलाने की अपील की है। पूरा देश इस समय सरकार के साथ है और उन्हें समर्थन देने के लिए दीप जलाकर मनोबल को बढ़ाएगा। सनातन धर्म में वैसे भी दीप जलाना हमेशा से शुभता का ही प्रतीक रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील को ज्‍योतिष की नजर से समझने और दीपों के महत्‍व पर जागरण डॉट कॉम में ज्‍योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्र ने बात की। डॉ शोनू ने बताया कि 9 अंक मंगल का होता है। 5 अप्रैल यानी 5+4=9 को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए दीपक, मोमबत्ती, टोर्च, मोबाइल लाइट आदि जलाने की अपील करी है।

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इस समय गोचर में मंगल उच्च का चल रहा है और इस प्रक्रिया से मंगल को बल मिलेगा। क्योंकि तारीख और समय मंगल के आधीन हो रहे हैं। मंगल को बल देने से इंसान में रोगों से लड़ने की ताकत आती है, दृढ़ शक्ति बढ़ती है और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। दीपक अर्थात अग्नि का प्रतीक है और यह मंगल असर बढ़ाएगा। रविवार को चंद्रमा सिंह राशि में स्तिथ है इससे हमारे मन को भी शक्ति प्राप्त होगी। दीप जलाने के साथ गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करें। सरसों के तेल का दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। देशी घी का दीपक जलाएं तो उसमें कपूर का एक टुकड़ा अवश्य डाल दें। तिली के तेल का दीपक जलाएं तो उसमें लौंग का एक जोड़ा डाल दें।

ये भी हैं दीप जलाने के नियम

डॉ शाेनू के अनुसार धर्म ग्रंथों में दीप का बड़ा ही महत्व बताया गया है। दीप में देवताओं का तेज बसता है ऐसे ऋग्वेद में बताया गया है। इसलिए सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए दीप जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो यह हमेशा फायदेमंद हो सकता है।

हर जगह नहीं रखें दीपक

जब भी पूजा करने बैठें तब सबसे पहले दीपक को अच्‍छे से साफ कर लें। इसके बाद अगर घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे अपने बाएं हाथ की ओर रखें। लेकिन तेल का दीपक जला रहे हों तो उसे अपने दाएं ओर रखें।

अगर बुझ जाए दीपक तो

पूजा के दौरान दीपक का खास ख्‍याल रखना चाहिए। कभी भी दीपक बुझना नहीं चाहिए इसे ध्‍यान में रखते हुए बाती सही से रखें ताकि बाती लुढ़क न जाए। साथ ही तेल-घी पर्याप्‍त मात्रा में रखें। लेकिन अगर दीपक कभी बुझ ही जाए तो तुरंत जलाकर भगवान से क्षमा प्रार्थना कर लें।

घी-तेल के दीपक के अलग-अलग नियम

ज्‍योतिष शास्‍त्र में दीपक जलाने के नियमों के तहत यह भी बताया गया है कि घी और तेल की बाती अलग-अलग होनी चाहिए। यानी कि घी के दीपक में रुई की बाती और तेल के दीपक में लाल धागे की बाती बनाएं। माना जाता है यह अत्‍यंत शुभ होता है।

नष्‍ट हो जाती है नकारात्‍मक ऊर्जा

ज्‍योतिष शास्‍त्र के मुताबिक हर दिन न‍ियमित रूप से दीपक जलाना चाहिए। मान्‍यता है जहां पर भी दीपक जलाया जाता है उस स्‍थान पर हमेशा ही सकारात्‍मकता बनी रहती है। इसका कारण दीपक के धुएं से वातावरण में उपस्थित हानिकारक कीटाणुओं का नष्‍ट होना माना जाता है। लेकिन ध्‍यान रखें कि कभी भी खंड‍ित दीपक न जलाएं।

यहां जरूर जलाएं दीपक

दीपक नियमित रूप से शाम को मुख्य द्वार के पास जलाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जातक के जीवन में कभी भी धन-धान्‍य की कमी नहीं होती। इसलिए बिना किसी भूल के सभी नियमों को ध्‍यान में रखते हुए शाम के समय दीपक जलाना चाहिए।


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