तीसरे दिन भी खराब स्थिति में आगरा की वायु गुणवत्ता, हाल हुआ बुरा Agra News
सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को 287 रहा एक्यूआइ। हवा में 33 गुना कार्बन कण पांच गुना से अधिक अति सूक्ष्म कण।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में वायु गुणवत्ता खराब स्थिति में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार आगरा में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 287 दर्ज किया गया। यहां अति सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ी हुई होने से वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन खराब स्थिति में दर्ज की गई।
सीपीसीबी द्वारा प्रतिदिन शाम को ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशनों पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर विभिन्न शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है। संजय प्लेस स्थित ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशन पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर यहां एक्यूआइ 287 दर्ज किया गया। सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार वायु गुणवत्ता खराब स्थिति में दर्ज की गई। बुधवार को अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा 333 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। यह मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के पांच गुना से अधिक थी। कार्बन मोनोऑक्साइड की अधिकतम मात्रा 133 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। यह मानक चार माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के 33 गुना से अधिक थी। इस स्थिति के अधिक समय तक रहने पर लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
देश में 17वें, प्रदेश में आठवें स्थान पर शहर
बुधवार को सीपीसीबी द्वारा जारी प्रदूषित शहरों की सूची के अनुसार आगरा देश में 17वें और प्रदेश में आठवें स्थान पर रहा। देश में सबसे अधिक प्रदूषित नोएडा रहा। उप्र में आगरा से अधिक प्रदूषित नोएडा (387), गाजियाबाद (386), गे्रटर नोएडा (374), लखनऊ (342), कानपुर (341), बुलंदशहर (318), मुजफ्फरनगर (313) रहे।
प्रदूषक तत्वों की यह रही स्थिति
प्रदूषक तत्व, न्यूनतम, अधिकतम, औसत
कार्बन मोनो-ऑक्साइड, 20, 133, 79
नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड, 30, 104, 75
सल्फर डाइ-ऑक्साइड, 21, 64, 28
ओजोन, 5, 13, 9
अति सूक्ष्म कण, 182, 333, 287
पांच दिनों में स्थिति
तिथि, एक्यूआइ, स्थिति
22 जनवरी, 287, खराब
21 जनवरी, 245, खराब
20 जनवरी, 212, खराब
19 जनवरी, 183, मध्यम
18 जनवरी, 165, मध्यम
सीपीसीबी द्वारा तय मानक
एक्यूआइ, वायु गुणवत्ता
0-50, अच्छी
51-100, संतोषजनक
101-200, मध्यम
201-300, खराब
301-400, बहुत खराब
401-500, खतरनाक
'हवा की गति बहुत कम है, जिसके चलते प्रदूषक तत्व नमी के साथ मिलकर यहां स्थिर हो गए हैं। अलाव में लकड़ी, प्लास्टिक, पॉलीथिन, रबड़ आदि का जलना जारी है। निर्माण कार्यों में मानकों का अनुपालन नहीं होने से धूल कण उड़ रहे हैं'।
-कमल कुमार, प्रभारी अधिकारी, सीपीसीबी