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नमामि गंगे परियोजना की बदहाली, चार महीने में ज्यादा प्रदूषित हो गई यमुना

बंद पड़े हैं एसटीपी और एसपीएस नाले गिर रहे यमुना में। 460.45 करोड़ रुपये की परियोजना की शुरूआत ही हुई खराब।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 10:51 AM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 10:51 AM (IST)
नमामि गंगे परियोजना की बदहाली, चार महीने में ज्यादा प्रदूषित हो गई यमुना
नमामि गंगे परियोजना की बदहाली, चार महीने में ज्यादा प्रदूषित हो गई यमुना

आगरा, जेएनएन। नमामि गंगे परियोजना में अनुबंधित कंपनी मथुरा-वृंदावन के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज पंपिंग स्टेशनों का संचालन नहीं कर पा रही। पिछले चार महीने से नालों का पूरा कलुष यमुना में जा रहा है। केंद्र सरकार के स्तर पर निविदा निस्तारित होने के कारण जल निगम मूकदर्शक बना हुआ है। अगले कुछ और महीने तक यही स्थिति रहने की आशंका है।

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नमामि गंगे परियोजना में यमुना का शुद्धीकरण किया जाना है। इसके लिए जल संसाधन मंत्रालय ने मथुरा-वृंदावन के लिए 460.45 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है। योजना के तहत मथुरा-वृंदावन में स्थापित तीन पुराने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का जीर्णोद्धार जनवरी 2020 तक किया जाना है। उसके बाद जनवरी 2020 से अक्टूबर 2020 तक तीस एमएलडी का एक नया एसटीपी बनाया जाना है।

इसी क्रम में यमुना किनारे के सभी नाले टेप होने हैं, इनको जोडऩे वाली 12 किमी लंबी पाइप लाइन डाली जानी है। निविदा अनुबंध के अनुसार संबंधित कंपनी को जनवरी 19 से कार्य पूरा होने तक एसटीपी व एसपीएस संचालन का जिम्मा भी दिया गया है। आदेश के अनुपालन में नगर निगम ने एसटीपी संचालन जल निगम की ड्रेनेज एंड सीवरेज इकाई को हस्तांतरित भी कर दिया है।

कागजों में जल निगम इकाई संबंधित कंपनी से जनवरी से ही एसटीपी संचालन करा रही है, लेकिन भौतिक रूप में संचालन अभी ढंग से शुरू भी नहीं हो सका है। पहले ही नगर निगम दोयम संचालन करा रहा था और अब तो हद ही हो गई है। निविदा शर्त के अनुसार संबंधित कंपनी के संचालन में कमी होने पर उसके अनुबंध पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, लेकिन केंद्र सरकार के स्तर पर निविदा निस्तारित होने के कारण स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

हालत यह है कि वृंदावन से लेकर मथुरा तक हरेक नाला यमुना में ओवरफ्लो हो रहा है। गुरुवार को जल निगम की ड्रेनेज एंड सीवरेज इकाई के परियोजना प्रबंधक ने भी निरीक्षण में गिरते नाले देखे, लेकिन संचालन दुरुस्त कराने के बजाय उन्होंने परियोजना कब तक पूरी होगी, यही बताकर यमुना भक्तों का आक्रोश शांत करने का प्रयास किया।

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार

परियोजना अक्टूबर 2020 तक पूरी होनी है, तब तक संबंधित कंपनी एसटीपी संचालन करेगी। अभी शुरूआत में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, जिन्हें दूर कराने का प्रयास किया जा रहा है।

वसीम अतहर

सहायक अभियंता

ड्रेनेज एंड सीवरेज इकाई, जल निगम, मथुरा 

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