संजली हत्याकांड को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी, राजनीतिक दलों की जानिये क्या है रणनीति
रालोद, बसपा और कांग्रेस ने बनाया चुनावी मुद्दा। इससे पूर्व डिप्टी सीएम कर चुके हैं पांच लाख रुपये की मदद की घोषणा।
आगरा, जागरण संवाददाता। एक परिवार की होनहार बिटिया हमेशा के लिए मौत के आगोश में गुम हो गई। मौत ऐसी कि जिसने सुना वो सिहर गया। यदि शरीर के किसी अंग पर अधिक गर्म पानी भी गिर जाए तो सहन नहीं होता, 15 साल की लड़की का पूरा शरीर ही आग के हवाले उसके होश और हवास में हत्यारों ने कर दिया। असहनीय पीड़ा को संजली ने 36 घंटे तक सहन करने का प्रयास किया लेकिन दर्द की जीत हो गई और उसने दम तोड़ दिया।
घटना ने एक परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे समाज को सदमे में डाल दिया है। पुलिस अपनी जांच कर रही है। हर पहलू को देखा जा रहा है। संजली का परिवार अपनी बेटी के अचानक इस तरह जाने के गम को अभी तक समझ ही नहीं पा रहा लेकिन मौके को भांपते हुए राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। मंगलवार को हुई घटना के बाद से राजनीतिक चेहरे स्वयं को चमकाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। अब तो हद ही हो गई है। कई राजनीतिक दलों ने बाकायदा संजली हत्याकांड को चुनावी मुद्दा बनाने की घोषणा तक कर दी है।
संजली हत्याकांड को लोकसभा चुनाव के लिए बसपा चुनावी मुद्दा बनाने में जुट गई है। ऐसे में शनिवार को बसपाइयों ने संजली के हत्यारों को फांसी और 50 लाख मुआवजे की मांग को लेकर डीआइजी लव कुमार को ज्ञापन सौंपा। हत्यारों के न पकड़े जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
संजली की जाति को बनाया आधार
संजली के अनुसूचित जाति के होने और सरेराह जिंदा जलाने की घटना को आधार बनाकर बसपा भाजपा सरकार में महिलाओं की असुरक्षा को चुनावी मुद्दा बना रही है। ऐसे में फतेहपुर सीकरी से बसपा प्रत्याशी व पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय के साथ बसपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता जुलूस लेकर डीआइजी, कार्यालय बालूगंज पहुंचे थे। कार्यकर्ताओं के हाथ में संजली को न्याय दो, हत्यारों को फांसी और 50 लाख मुआवजा देने के पोस्टर लगे हुए थे। पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय ने कहा कि संजली की घटना ने लोगों को झकझोर दिया है, बेटियों की सुरक्षा परिजनों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और एंटी रोमियो स्क्वाड को लेकर बड़ी बड़ी बातें करती है, इसके बाद भी महिलाओं के साथ अपराध लगातार बढ़ रहा है। बसपाइयों ने संजली के परिवार की सुरक्षा, हत्यारों को पकड़कर फांसी की सजा दिलवाने और 50 लाख का मुआवजा देने की मांग करते हुए डीआइजी लव कुमार को ज्ञापन सौंपा।
रालोद ने प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की उठाई मांग
प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था और आगरा की दो बेटियों के साथ ही भयावह घटना से रालोद में आक्रोश है। उन्होंने कलक्ट्रेट पहुंच प्रशासनिक अधिकारियों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। पार्टी ने प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है और बेटियों के दङ्क्षरदों को कड़ी सजा की सिफारिश की है। पार्टी पदाधिकारियों ने संजली की बहन को नौकरी, 50 लाख रुपये सहायता राशि और एक फ्लैट देने की मांग की है। इसके साथ ही पोइया घाट पर सामूहिक दुष्कर्म की पीडि़ता के परिजनों को सुरक्षा, आर्थिक सहायता दिलाने की बात कही है।
लालऊ पहुंचने को हैं बब्बर
तमाम राजनीति दलों को देखते हुए कांग्रेस ने भी अपनी सांत्वना देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को संजली के निवास के लिए रवाना कर दिया है। राज बब्बर रविवार दोपहर तक आगरा पहुंचेंगे और संजली के परिवार से मिलेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने दी है पांच लाख की मदद
हालांकि तमाम विरोध और राजनीतिक दलों की कारगुजारियों के बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा शुक्रवार को संजली के परिजनों से मिलने पहुंचे थे। यहां पहुंचकर उन्होंने पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद एवं अन्य सरकारी लाभ देने की घोषणा भी की थी।
दिन भर दौड़ती रहीं नेताओं की गाड़ी
लालऊ में शनिवार को संजली के परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए नेताओं की दौड़ चलती रही। दिन भर नेताओं का आना-जाना लगा रहा। सूबे के मंत्री एसपी सिंह बघेल ने परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि घटना बेहद दुखद है। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं, जल्द ही हत्यारे पकड़े जाएंगे और उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। पूर्व विधायक कालीचरण सुमन ने परिजनों को 21,100 रुपये की आर्थिक मदद दी। उन्होंने कहा कि ये घटना बेहद निंदनीय है। दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया ने भी परिजनों को सांत्वना दी। कहा कि दलित परिवार में दो मौतें बेहद चिंताजनक हैं। परिवार की मदद के लिए शासन में बात करेंगे। सपा एमएलसी दिलीप यादव भी गांव पहुंचे। उनके साथ सुरेंद्र चौधरी भी मौजूद रहे।
पूर्व मंत्री ने की वारदात की निंदा
पूर्व मंत्री रामसकल गुर्जर शुक्रवार को संजली के गांव लालऊ पहुंचे थे। पीडि़त परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया है, उसने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। पांच लाख का मुआवजा काफी कम है, सरकार को चाहिए कि इसे बढ़ाए।