Dr Yogita Murder Case: लगातार गुमराह कर रहा डॉ विवेक, अब ले रही पुलिस अपना रही ये हथकंडा
Dr Yogita Murder Case गिरफ्तारी के बाद पुलिस को गुमराह करता रहा था डॉ. विवेक! अब सही जवाब लेने को पुलिस कर रही पहले से तैयारी।
आगरा, जागरण संवाददाता। डॉ. योगिता का हत्यारोपित डॉ. विवेक तिवारी मेडिकोलीगल एक्सपर्ट है। उसने बचने को गिरफ्तारी के बाद हर हथकंडा अपनाया। ठंडे दिमाग से पुलिस के सवालों के जवाब दिए और गुमराह करता रहा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उसकी बताई कहानी उलझ गई है। अब पुलिस कस्टडी रिमांड पर वह गुमराह न कर सके। इसके लिए पुलिस मनोवैज्ञानिकों से मदद ले रही है।
दिल्ली के नजफगढ़ में शिवपुरी निवासी डॉ. योगिता एसएन मेडिकल कॉलेज से पीजी कर रही थीं। वे नूरी दरवाजा में राहुल गाेयल के घर में किराए पर रहती थीं। मंगलवार से योगिता लापता थीं। बुधवार को सुबह उनका शव डौकी के बमरौली कटारा में पड़ा मिला। उनकी हत्या के मामले में पुलिस ने कानपुर के किदवई नगर निवासी डॉ. विवेक तिवारी को गिरफ्तार कर लिया।पुलिस को पूछताछ में उसने पहले गला दबाकर हत्या की बात कही। इसके बाद चाकू से वार और फिर सिर में एक गोली मारने की बात बताई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में योगिता के शव से तीन बुलेट निकलीं। खून से सने कपड़े, रिवॉल्वर को जिन स्थान पर फेंकना बताया। वहां पुलिस को काफी तलाश के बाद भी सफलता नहीं मिली। याेगिता के गायब मोबाइल के बारे में वह कहता रहा कि उसने नहीं छुआ। आरोपित ने कोर्ट में पेश होने के दौरान खुद को बेगुनाह बताया। उसका कहना था कि पुलिस ने दबाव में बयान लिखाए हैं। अब पुलिस ने उसको पीसीआर पर लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। वह गुमराह न कर सके, इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
सोशल मीडिया से दूर रहती थी योगिता
पुलिस ने योगिता का फेसबुक पर एकाउंट सर्च किया। मगर, उसका कोई फेसबुक एकाउंट नहीं मिला। साथी जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि वह काम और पढ़ाई में इतनी व्यस्त रहती थी कि सोशल मीडिया से दूर रहती थी। योगिता के मोबाइल में पुलिस को कुछ ऐसे राज होने की आशंका है, जिससे विवेक की हकीकत पता चल जाती। इसीलिए उसने मोबाइल गायब कर दिया। गिरफ्तारी के समय उसके बारे में बताया भी नहीं।
गूगल की सर्च हिस्ट्री देखेगी पुलिस
विवेक के मोबाइल की सीडीआर निकलवाने के साथ ही पुलिस उसके मोबाइल की गूगल सर्च हिस्ट्री भी चेक करेगी। उसने घटना से पहले क्या-क्या सर्च किया था? यह देखा जाएगा।
विवेक ने ही किया था रिश्तेदार बनकर कॉल
योगिता की हत्या से पहले मंगलवार को उनकी मकान मालिकन पर एक अंजान नंबर से काॅल आई थी। ट्रू कॉलर पर पार्थ चौधरी लिखा आ रहा था। पुलिस ने इस नंबर के बारे में पता किया तो यह विवेक का ही निकला। योगिता कॉल रिसीव नहीं कर रही थी। इसीलिए मकान मालिकन को कॉल करके खुद को रिश्तेदार बताया था। योगिता से बात कराने को कह रहा था। मगर, योगिता ने बात नहीं की।