CoronaVirus: आपकी जिंदगी बचाने को खाकी की जिद्दोजहद, चलाना पड़ रहा अब कार्रवाई का डंडा
लोहामंडी सर्किल में 11 मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें नौ मुकदमे शाहगंज और दो लोहामंडी के हैं। जिनमें 24 आरोपित नामजद हैं। कोतवाली सर्किल में नाई की मंडी थाने में एक मुकदमा दर्ज हुआ।
आगरा, जागरण संवाददाता। शहर में लॉकडाउन का उल्लघंन करने वालों पर पुलिस ने रविवार को ताबड़तोड़ कार्रवाई की। उसने एक दिन में 109 मुकदमे दर्ज किए। इसमें 200 से ज्यादा लोगों को नामजद और 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। उधर स्क्रीनिंग को जगदीश पुरा गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को लोगों का विरोध देखते हुए पुलिस बुलानी पड़ी।
कोरोना वायरस के संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए केंद्र सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक हर दिन दो तरह की लड़ाई लड़ रहे हैं। जी हां, दो तरह की लड़ाई। पहली अदृश्य दुश्मन कोरोना वायरस से और दूसरी स्थानीय लोगों के असहयोग से। आम लोगों की जिंदगी सुरक्षित रखने के लिए लगाए गए लॉकडाउन उल्लंघन पर पुलिस को कार्रवाई का डंडा चलाना पड़ रहा है। रविवार को सबसे ज्यादा 35 मुकदमे हरीपर्वत सर्किल में दर्ज किए गए। इसमें सिकंदरा थाने में 18 मुकदमे दर्ज हुए। इसमें एक ग्राम प्रधान समेत 18 लोग नामजद किए गए। जबकि तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके अलावा न्यू आगरा में 12 मुकदमों में 20 जबकि हरीपर्वत में पांच मुकदमों में 25 लोगों को नामजद किया गया। वहीं 34 मुकदमों के साथ दूसरे नंबर पर छत्ता सर्किल रहा। एत्माद्दौला थाने में 16 मुकदमों 44 लोगों को नामजद किया गया। मंटोला में दस मुकदमों में 15 और छत्ता में नौ मुकदमों में नौ लोग नामजद किए गए। इसी तरह सदर सर्किल में 27 मुकदमों में 150 लोगों को नामजद किया गया। इसमें ताजगंज में 13, रकाबगंज में आठ और सदर थाने में छह मुकदमे दर्ज किए गए।
स्क्रीनिंग को बुलानी पड़ी पुलिस
जगदीश पुरा क्षेत्र में कोरोना संक्रमित के स्वजन की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को पुलिस बुलानी पड़ी। संक्रमित युवक के पड़ोसी स्वजन ने ग कराने से इन्कार कर दिया। इसपर स्वास्थ्य विभाग की टीम को पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस के पहुंचने पर किसी तरह वह स्क्रीनिंग को तैयार हुआ। हालांकि उसके वायरस संक्रमण के लक्षण नहीं मिले हैं। जगदीशपुरा में चांदी कारीगर के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम रविवार दोपहर जगदीशपुरा में स्क्रीनिंग को गई। वहां एक कोरोना संRमित मरीज के स्वजन ने स्क्रीनिंग से इन्कार कर दिया। उसका तर्क था कि वह संक्रमित मरीज से अलग रहता है, इसलिए स्क्रीनिंग की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने उसे समझाया। इसके बाद वह स्क्रीनिंग को तैयार हो गया। पुलिस की मौजूदगी में टीम ने 60 घरों में 450 लोगों की स्क्रीनिंग की। बस्ती में मिले एक संदिग्ध को सैंपल देने के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
एक व्यक्ति स्क्रीनिंग से इनकार कर रहा था। समझाने के बाद वह तैयार हो गया।
रोहन बोत्रे, एसपी सिटी