100 अरब के जमीन घोटाले में सेंट पॉल्स चर्च में पुलिस का छापा, ये है पूरा मामला Agra News
बिशप और सचिव की तलाश में आगरा आई प्रयागराज पुलिस नहीं मिलने पर लौट गई।प्रयागराज के सिविल लाइन थाने में दर्ज है उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा।
आगरा, जेएनएन। सौ अरब के जमीन घोटाले में प्रयागराज पुलिस ने गुरुवार को यहां सेंट पॉल्स चर्च में छापा मारा। बिशप प्रेम प्रकाश हाविल और सचिव की तलाश में आई पुलिस ने कई घंटे तक तलाश की। उनके न मिलने पर खाली हाथ लौट गई।
इंडियन चर्च ट्रस्टीज डायोसिस ऑफ लखनऊ के अधीन आने वाली 100 अरब की जमीन बेचकर पैसे हड़पने का मुकदमा पिछले सप्ताह प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराया गया था। डायोसिस ऑफ लखनऊ के मेट्रो पॉलिटन चर्च ऑफ इंडिया के बिशप जॉन अगस्टीन की शिकायत पर लिखे गए केस में पीसी सिंह, पीसी मरांडी, पीके समंतो राय, एल्वान मसीह, जयंत अग्रवाल, पाल दुपहरे, पीपी हाविल, पीटर बलदेव, सुरेश जैकब, राजीव चंद, एआर स्टीफन, एच आर मल, मार्विन मेसी, प्रेम मसीह, अशोक विश्वास, प्रबल दत्ता, शशि प्रकाश और अन्य अज्ञात पर ट्रस्ट की जमीनों को फर्जी तरीके से बेचकर अरबों रुपये का बंदरबांट करने का आरोप है। फर्जीवाड़ा देश भर में किया गया। दो दिन पहले भी फादर अगस्टीन ने कुछ और दस्तावेज बतौर सुबूत प्रयागराज पुलिस को दिए थे। विवेचना अधिकारी विनोद प्रजापति ने गुरुवार को पुलिस टीम के साथ हरीपर्वत क्षेत्र के सेंट पॉल्स चर्च स्थित बिशप हाउस में छापा मारा। पुलिस के मुताबिक छापे की भनक लगने पर चर्च के बिशप प्रेम प्रकाश हाविल और सचिव राजीव चंद पिछले रास्ते से निकल गए। प्रयागराज के इंस्पेक्टर राकेश चौरसिया ने बताया कि आगरा समेत अन्य स्थानों पर आरोपितों की तलाश में दबिश दी थीं। मगर, कोई हाथ नहीं लगा है। आगरा डायोसिस के जनरल एडवाइजर अमित सिंह का कहना है कि सेंट पॉल्स चर्च में प्रयागराज से विवेचक आए थे। उन्हें हमने अपने पक्ष के दस्तावेज उपलब्ध करा दिए थे। बिशप अपने आवास में ही थी। उनके पीछे के गेट से निकलने की बात गलत है।