आरबी पुरम प्रकरण में पुलिस बैकफुट पर, दो धाराएं हटाईं
दुकानदार को पत्नी बेटे और बहुओं समेत जेल भेजने का मामला विवेचना में हत्या के प्रयास व सात सीएलए एक्ट को विवेचना में हटाया
आगरा, आगरा। एत्माद्दौला के आरबी पुरम प्रकरण का मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई। दुकानदार को पत्नी, बेटों और बहुओं समेत जेल भेज दिया था। पुलिस ने विवेचना में हत्या का प्रयास और सात क्रिमिनल ला अमेडमेंट एक्ट (सीएलए) की धाराएं हटा दी हैं। इससे आरोपितों की जमानत का रास्ता साफ हो गया है।
घटना 11 अप्रैल को बंदी के दौरान की थी। आरबी पुरम कालोनी निवासी प्रमोद उपाध्याय ने घर में बनी अपनी दुकान खोल रखी थी। इसे बंद कराने पहुंची पुलिस से प्रमोद उपाध्याय और उनके स्वजन का विवाद हो गया था। आरोप था कि दुकानदार और उसके स्वजन ने चौकी प्रभारी विनीत राणा समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर हमला बोला था। पुलिस ने दुकानदार प्रमोद उपाध्याय, उसके बेटों पंकज, हरि गोपाल, पत्नी किरन देवी, पुत्रवधू वर्षा और ज्योति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
मामले में भाजपा विधायक राम प्रताप सिंह चौहान और योगेंद्र उपाध्याय ने एसएसपी के समक्ष पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए जांच कराए जाने की मांग की थी। पूर्व विधायक डा. धर्मपाल सिंह ने डीएम को पत्र लिखकर पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कराने के लिए कहा था। इंस्पेक्टर एत्माद्दौला संजय कुमार त्यागी ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर विवेचना में हत्या का प्रयास की धारा को हटा दिया गया है। वहीं, स्वतंत्र गवाहों ने अपने बयान में घटना के समय किसी तरह की अफरातफरी व दहशत नहीं फैलना बताया। इस आधार पर सात सीएलए एक्ट की धारा को भी हटाया गया है। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि प्रकरण की जांच कराई जा रही है।
परिवार की रिहाई न होने पर आप का धरने का एलान
आम आदमी पार्टी (आप) के पदाधिकारी कपिल वाजपेयी ने दुकानदार और उसके स्वजन की 48 घंटे में रिहाई न होने पर धरने का एलान किया है। कपिल वाजपेयी ने बताया कि बुधवार को एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिले। उन्होंने चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। परिवार से मुलाकात करने वालों में अमित कुमार, रामसेवक ठाकरे, रमजान अब्बास, अतुल दीक्षित, प्रशांत शर्मा आदि शामिल थे।