थानों में ऐसा खेल, सिपाही के पीडि़त भाई का ही मामला टरका दिए हल्के में Agra news
शाहगंज थाने का है मामला कार सवारों ने लूटपाट और दुष्कृत्य के बाद कार से था फेंका था सिपाही का भाई। एसएसपी से मांगी गई अब जांच रिपोर्ट।
आगरा, जागरण संवाददाता। थाने पहुंचने वाले पीडि़त के साथ पुलिस किस तरह का सलूक करती है। ये किसी से छिपा नहीं है, शाहगंज थाने में सिपाही के पीडि़त भाई के अपहरण, लूटपाट और दुष्कृत्य की तहरीर बदलवा दी। आरोपितों के खिलाफ मामूली धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करके शांति भंग में चालान कर दिया। जबकि पीडि़त गंभीर हालत में एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। मामले को गंभीरता से लेते हुए आइजी रेंज ए. सतीश गणेश ने एसएसपी को जांच करके अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। सीओ लोहामंडी ने पीडि़त पक्ष और पुलिसकर्मियों के बयान लिए गए।
आइजी रेंज कार्यालय में तैनात सिपाही का सगा चचेरा भाई शाहगंज के बीकेपुरम क्षेत्र में रहता है। वह 19 फरवरी की शाम को बाइक से घर लौट रहा था। आरोप है कि कार सवार तीन लोगों ने रोक लिया। उसे जबरन अपनी गाड़ी में डाल लिया। उससे परिवार के लोगों को फोन करके तीन लाख रुपये मंगाने की कहने लगे। युवक द्वारा खुद को मजदूर बताने पर कार सवारों ने उसकी जेब में रखे दो हजार रुपये लूट लिए। उससे दुष्कृत्य के बाद सिर पर लोहे की किसी चीज से प्रहार करके मरणासन्न हालत में सड़क किनारे फेंक गए। युवक की तलाश में जुटे स्वजनों को वह लहूलुहान हालत में मिला। वह उसे लेकर थाने पहुंचे। यहां पुलिस ने जिला अस्पताल में मेडिकल कराया।
स्वजनों का आरोप है कि थाने पर तैनात दारोगा और इंस्पेक्टर ने उनके द्वारा दी गई अपहरण, लूटपाट और दुष्कृत्य की तहरीर बदलवा दी। उन्होंने घायल के भाई के पुलिस विभाग में होने का हवाला दिया। उसके आइजी रेंज कार्यालय में तैनात होने की जानकारी दी। इसके बावजूद थाना पुलिस ने मामूली धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। आरोपितों को शांति भंग में पाबंद कर दिया। इसका विरोध करने पर इंस्पेक्टर कहना था कि कोई मर्डर नहीं हुआ है जो फांसी दे दें। बुधवार को मामला आइजी ए. सतीश गणेश और एसएसपी बबलू कुमार के संज्ञान में आया। दोनों अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया। सीओ लोहामंडी नम्रिता श्रीवास्तव को जांच सौंपी गई है।
सीओ के सामने पेश की बातचीत की रिकॉर्डिंग
सीओ ने पीडि़त पक्ष के बयान दर्ज करने के साथ ही थाना पुलिस के बयान लिए। पुलिस का कहना था कि उसने पीडि़त से तहरीर बदलने की नहीं कहा था। इस पर पीडि़त पक्ष ने पुलिस द्वारा की गई बातचीत की रिकॉर्डिंग सीओ को पेश कर दी। इसमें वह तहरीर बदलने से लेकर पुलिस द्वारा की गई सारी बातचीत रिकॉर्ड है।
थाने में दोहराई गई सामूहिक दुष्कर्म कांड की कहानी
शाहगंज थाने में भी जगदीशपुरा में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म कांड वाली कहानी दोहराई गई। जगदीशपुरा में भी सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पीडि़ता की तहरीर पुलिस ने बदलवाने के बाद छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया था। पीडि़ता के बयान के आधार पर आरोपितों के खिलाफ धारा बढ़ाने की आश्वासन दिया था। शाहगंज थाने में भी यही हुआ। घायल युवक को थाने लेकर पहुंचे स्वजनों ने अपने भाई के आइजी रेंज कार्यालय में तैनात होना बताया था। इस पर पुलिस ने उन्हें यह आश्वासन देकर तहरीर बदलने की कहा कि घायल के मेडिकल और बयान के बाद आरोपितों के खिलाफ धारा बढ़ा दी जाएगी। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मगर आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें शांति भंग में चालान करके छोड़ दिया। इससे पीडि़त पक्ष को अपने साथ धोखाधड़ी का अहसास हुआ।