नकली शराब बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, हरियाणा से लाया जाता था केमिकल
मुठभेड़ में दबोचे सात धंधेखोर, 80 ड्रम केमिकल और चार वाहन बरामद। रेक्टिफाइड स्प्रिट में पानी व शक्कर मिला बनाते थे नकली शराब
आगरा(जेएनएन): खतरनाक केमिकल से नकली शराब बनाई जा रही थी। केमिकल को हरियाणा से तस्करी कर लाया जाता था। बुधवार को मैनपुरी में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद सात शातिरों को दबोच लिया। उनके कब्जे से 80 ड्रम खतरनाक केमिकल, चार वाहन बरामद हुए हैं। बरामद केमिकल की कीमत 80 लाख रुपये बताई जा रही है।
बुधवार सुबह मिली सूचना के बाद इंस्पेक्टर कोतवाली जसवीर ¨सह सिरोही व सर्विलांस प्रभारी जुगेंद्र ¨सह ने अपनी अपनी टीमों के साथ शहर कोतवाली क्षेत्र में परोंख पुल के पास एक बोलेरो पिकअप वाहन की घेराबंदी कर प्रदीप गिहार निवासी गिहार कॉलोनी मैनपुरी, गौतम जाटव निवासी भरथरा थाना औंछा को पकड़ लिया। वाहन में 30 ड्रम खतरनाक केमिकल के बरामद हुए। दोनों ने बताया कि गाड़ी में केमिकल भानु प्रताप गिहार निवासी गिहार कॉलोनी मैनपुरी का है। उसका एक और वाहन गड़ेरी के पास खड़ा है। इस सूचना पर पुलिस ने दूसरे वाहन की घेराबंदी की तो उसके साथियों ने पुलिस पर फाय¨रग कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की तो बदमाश वाहन में सवार होकर भागने लगे। यहां से पुलिस ने भानु प्रताप गिहार के अलावा उसके साथी वितेंद्र यादव निवासी गड़ेरी कोतवाली मैनपुरी, प्रदीप पाल निवासी संसारपुर कोतवाली मैनपुरी, फूल¨सह जाटव निवासी उद्दैतपुर औंछा, अनोखे लाल राजपूत निवासी बसूहार थाना भोगांव को पकड़ लिया। उनके कब्जे से एक कंटेनर, एक स्विफ्ट डिजायर कार व एक अपाचे बाइक बरामद हुई। जबकि शातिर जीतू, बंटी व ¨टकू निवासीगण बसूहार थाना भोगांव एक अल्टो कार में सवार होकर फाय¨रग करते हुए भाग जाने में सफल हो गए। यहां से पकड़े गए कंटेनर में 50 ड्रम केमिकल बरामद हुआ। बरामद केमिकल की कीमत 80 लाख रुपये बताई गई है।
पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय ने पकड़े गए शातिरों से पूछताछ की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। आरोपितों ने बताया कि वे उक्त केमिकल को हरियाणा के जिला सोनीपत के कस्बा गुहाना से तस्करी कर लाते हैं। ये केमिकल नकली शराब बनाने के प्रयोग में लाया जाता है। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने खाली बोतलें और करीना ब्रांड के रैपर बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार केमिकल के जरिए शराब बनाकर उन पर करीना ब्रांड के रैपर चिपकाकर बेचे जाते थे।
आबकारी निरीक्षक योगेश कुमार ने जांच कर बताया कि केमिकल रेक्टीफाइड स्प्रिट है। इसकी तीव्रता 100 फीसद है। इससे बनाई गई शराब पीने से मौत भी हो सकती है। इसको पीने वाले की अगर मौत नहीं होती है तो शरीर पर कई दुष्प्रभाव पड़ते हैं। भानु प्रताप वह केमिकल में पानी व शक्कर मिलाकर नकली शराब बनाता था। दो साल में ही बन गया रईस: पकड़ा गया भानु प्रताप गिहार गिरोह का सरगना है। बीएससी तक पढ़ा भानु प्रताप की नौकरी नहीं लगी तो वह मजदूरी करने लगा। गिहार कॉलोनी में तमाम लोग अवैध शराब के धंधे से जुड़े हुए हैं। यहां भट्ठी पर शराब तैयार कर बेची जाती है। भानु प्रताप जल्दी रईस बनना चाहता था। इसलिए उसने नकली शराब बनाने की फैक्ट्री चलाने का निर्णय लिया। शराब माफियाओं के संपर्क में आ गया। कुछ दिन में ही रईस हो गया। पकड़ा गया कंटेनर, बोलेरो पिकअप व स्विफ्ट डिजायर का मालिक भानु प्रताप ही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरोह में और भी शातिरों के जुड़े होने की जानकारी मिली है। हरियाणा से केमिकल की आपूर्ति कौन करता है। इसका पता चल गया है। जल्द पूरे नेटवर्क को तोड़कर शातिरों को पकड़ लिया जाएगा।