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आगरा के कवियों से सात समंदर पार बह रही ¨हदी की धारा

अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, इंडोनेशिया और मौरिसस में आयोजित हुए कवि सम्मेलन, एक दर्जन से अधिक कवियों ने किया काव्य पाठ

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 10:00 AM (IST)
आगरा के कवियों से सात समंदर पार बह रही ¨हदी की धारा
आगरा के कवियों से सात समंदर पार बह रही ¨हदी की धारा

आगरा, जागरण संवाददाता। ब्रज की सरजमीं पर पहचान बनाने वाले साहित्यकार अब विदेश में ¨हदी की धारा बहा रहे हैं। आगरा के एक दर्जन से अधिक कवि दूसरे देशों में काव्य पाठ कर रहे हैं। विदेश में निवास करने वाले भारतीय प्रवासी आगरा के कवियों के मुरीद बने गए हैं। यही कारण है कि विदेश में भी ¨हदी का चलन बढ़ता जा रहा है।

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हास्य कवि रमेश मुस्कान बताते हैं, कि दस वर्ष के सफर में अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, ओमान, मास्को, दुबई, इंडोनेशिया, मॉरीशस सहित दुनिया के 14 देशों में काव्य पाठ किया है। अमेरिका में पांच कवि सम्मेलनों अपनी कविताएं पढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे देशों में ¨हदी को बहुत मान्यता दी जाती है। प्रवासी के लोग ¨हदी की कविता सुनने को बहुत दूर से सफर करते हैं।

कवि रामेंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि वर्ष 2005 से हर वर्ष इंग्लैंड, इंडोनेशिया, दुबई, कुबैत में काव्य पाठ किया है। दुबई में कौमी एकता परिषद की तरफ से कवि सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इसमें ¨हदी प्रेमियों की बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठी होती है। कविता पूरी होने के बाद लोग ¨हदी की दूसरी कविता का सुनने की इच्छा जाहिर करते हैं।

कवयित्री डॉ. शैलबाला भी दूसरे देशों की धरती पर ¨हदी की कविता पेश करने में पीछे नहीं रही हैं। उन्होंने मॉरीशस में वैश्विक ¨हदी द्वारा आयोजित सम्मेलन में अपनी कविताओं का पाठ किया है। वे बताती हैं कि विदेशों में ¨हदी भाषा सुनने को भीड़ जुट जाती है। लोग भाषा का सम्मान करते हैं।

कवयित्री सुषमा सिंह बताती हैं कि दुबई, मॉरीशस, इंडोनेशिया, मिस्त्र और अमेरिका में ¨हदी की कविताएं पेश की हैं। वे बताती हैं कि वहां के लोग कविताओं को सुनने के लिए उत्साहित रहते हैं। उन्होंने मॉरीशस में 'सुबह खुली जब आंस फूल थे खिले ओस पंखुड़ियों पर। मुस्कान और बस रुदन कि जैसे उगे हुए साकार हमारी क्यारी में जीवन औ संसार।'

कवि रमेश पंडित बताते हैं कि वे यू-टयूब चैनल पर अपनी कविताओं का पाठ करके पोस्ट करते रहते हैं। इस कारण विदेशों में उनके वीडियो देखे जाते हैं। जो लोग ¨हदी प्रेमी हैं वे मैसेज के माध्यम से कविता प्रतिपुष्टि भी भेजते हैं।

एक भ्रमण में कई सम्मेलन

कवि बताते हैं कि जब किसी देश में जाते हैं, तो वहां के कई शहरों में अपनी प्रस्तुति देते हैं। हर सम्मेलन में करीब 200 लोग कविता सुनते हैं। कविता सुनते में नहीं बजाते ताली

विदेश में आयोजित कवि सम्मेलनों में लोग कविता सुनते रहते हैं। कविता पूरी होने के बाद ही लोग तालिया बजाते हैं।


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