सलाहकारों की जगह खुद निभाएं विभागीय औपचारिकताएं
सीजीएसटी आयुक्त ने की जूता निर्यातकों व कारोबारियों संग वार्ता समय से टैक्स जमा कर व्यापार को बढ़ाने की अपील की
आगरा, जागरण संवाददाता। जीएसटी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और समस्याओं को दूर कर इसे व्यापारियों और कारोबारियों के लिए सुविधाजनक बनाने पर पूरा जोर है। लिहाजा जीएसटी रिटर्न ईमेल से विभाग को सीधे भेजें, सलाहकारों के माध्यम से नहीं, ताकि किसी तरह का अंतíवरोध या उलझन न रहे। यह बातें केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) आयुक्त ललन कुमार ने एक वेबिनार में कहीं।
उनका कहना था कि वह सलाहकारों के में विरोध नहीं हैं, लेकिन कई बार अपनी व्यस्तता के कारण वह समय से रिटर्न व टैक्स जमा नहीं कर पाते और दोष पोर्टल या विभाग पर डाल दिया जाता हैं। इसलिए सलाह अवश्य लें, लेकिन जानकारियां अपनी ईमेल आइडी से ही भेजें। विभाग आपकी सेवा में 24 घटे खुला है। तुरंत मिलेगा समाधान :
उनका कहना था कि विभाग निर्यातकों व घरेलू जूता उत्पादकों के हर प्रश्न व समस्या को सुन कर तुरंत निस्तारित करेगा। पूरा विभाग पेपर लेस हो चुका है, इसलिए विभागीय नोटिस भी सिर्फ ईमेल से ही भेजे जाएंगे। उत्तर भी ईमेल पर ही दिया जाएगा। इससे पूरी प्रक्रिया और पारदर्शी होगी। संयुक्त आयुक्त भवन मीना ने उद्यमियों के प्रश्नों का उत्तर दिया। विभागीय मंशा स्पष्ट की। उन्होंने उद्यमियों से खुल कर समस्याएं रखने का आह्वान किया। यह बोले कारोबारी :
कर्नल विजय तोमर ने जीएसटी को टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (टीसीएस) की तरह खरीदार द्वारा जमा करने का सुझाव दिया। अनेक सप्लायर जीएसटी जमा नहीं कराते, जिससे रिफंड रुके रहते हैं। एफमेक उपाध्यक्ष राजेश सहगल ने बताया इस सुझाव पर कई प्रतिवेदन दिए जा चुके हैं। गोपाल गुप्ता ने एमइआइएस लायसेंस विषय पर विचार रखे। वेबिनार में एफमेक व घरेलू उद्यमियों की संस्था आगरा शू मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने आयोजित की। एसमा अध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने घरेलू जीएसटी की समस्याओं को रोकने को सुझाव दिए। एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने तुरंत हल और समय पर रिफंड को सराहा।