कम देखरेख में भी खिलती रहेगी बगिया, जानिए कौन से पौधे करें इस मानसून में रोपित Agra News
पाम मनी प्लांट क्रोटन और मुसंडा आदि पौधों से सजाएं बगिया। बरसात में समय-समय पर करते रहे गुड़ाई।
आगरा, जागरण संवाददाता। बरसात का मौसम शुरू होने वाला है। यही वह समय है जब आप अपनी बगिया को सजा सकते हैं। पौधों के पनपने के लिए साल भर का सबसे अनुकूल मौसम यही है। इसमें पौधों की अधिक देखभाल की जरूरत भी नहीं होती है। पौधों को थोड़ी देखभाल से आप अपनी बगिया को हराभरा बना सकते हैं। बरसात में सजावटी पौधों से लेकर फूलों वाले पौधे आसानी से लगाए जा सकते हैं।
अगाला ओनिमा
बड़ी हरी पत्तियों के ऊपर सफेद शेड बहुत सुंदर लगते हैं। यह देफेनबेकिया जैसा पौधा इनडोर भी रखा जा सकता है। पूरे वर्ष सदाबहार रहता है। अधिक देखभाल नहीं करनी पड़ती है।
अम्ब्रेला पाम
छाते जैसे पत्तियां, लम्बी पतली बांस जैसे टहनियों पर गहरे हरे रंग के छाते जैसे सरंचना, वर्ष भर आपकी बगिया को हरा भरा रखता हैं। ये एक जड़ या बीच की गांठ से भी रोपे जा सकते हैं। यह आसानी से लगने वाला पौधा है। इसे अधिक पानी और सूरज की कम रोशनी चाहिए।
पाम
पाम हर बगीचे के लिए आवश्यक पौधा है। ये लगभग डेढ़ मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है। बड़ा पौधा बाजार में काफी महंगा बिकता है। इसे छोटा ही खरीदें। इसकी बहुत देखभाल नहीं करनी पड़ती है। केवल गमले में पानी न रुके। इसकी सागो पाम, सीलिंग पाम, मैजेस्टी पाम और फिज्जी पाम आदि किस्म काफी प्रचलित हैं।
देफेनबेकिया
केले के पत्तों जैसे पीलापन लिए हुए हरे पत्तों वाला पौधा होता है। जिस पर सफेद धब्बे होते हैं। इसे नमी तो चाहिए पर गमले में पानी नहीं रुकना चाहिए। ये कमरे में रखा जा सकता है। इसे बहुत ही कम देखभाल चाहिए। इसे गांठों से काट कर और पौधे तयार किये जा सकते हैं।
सुदर्शन
बरसात में इसका बल्ब लगाया जाता है। इसके सफेद चक्र जैसे फूल होते हैं इसलिए इसे सुदर्शन कहते हैं। एक समय में पांच छ: तेज खुशबू वाले फूल आते है। ये पूरे साल हरा रहता है। इसके फूल बहुत कम समय के लिए रुकते हैं।
नीबू घास
यह भी औषधीय पौधा आपकी बगिया को हरा भरा और तरो ताजा रखता है। इसकी कुछ पत्तियां नहाने के पानी में डालने से आपको नीबू की खुशबू वाला आनंद आयेगा। इसकी खुशबू बगिया में फैलती है। इसे ज्वरांकुश कहते हैं। इसकी जड़ों को उबाल कर पीने से कठिन से कठिन बुखार उतर जाता है। इसकी जड़ें लगायी जाती हैं।
मनी प्लांट
आसानी से मिलने वाला, हमेशा हरा-भरा रहने वाला यह बेलनुमा पौधा होता है। इसके हरे पत्तों पर हल्के हरे सफेद धब्बे सुंदर लगते हैं। इसकी कई किस्में आती हैं। इस पौधे को जमीन, गमले, बोतल, धूप, छाया कही भी लगा सकते हैं।
क्रोटन
यह रंग बिरंगी पत्तियों वाले सुंदर पौधे होते हैं। इन्हें किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है। इसको सीधी धूप से बचाना होता है। इसे कमरे में भी रखा जा सकता है। हफ्ते-पंद्रह दिन में इसे खुली हवा और धूप में रखना जरूरी होता है।
फर्न
जुलाई से सितंबर तक फर्न लगाया जा सकता है। ये तेज धूप में नहीं बचता है। नियमित पानी देना और तेज धूप से बचाना ही इसकी एकमात्र देखभाल है। हरी लम्बी गुच्छेदार पत्तियां ही इसकी सुन्दरता है।
एक्जोरा
पूरे साल फूल देने वाला पौधा है। इसके फूल लाल होते हैं। खुशबूदार एक्जोरा के लिए सफेद बोर्विफ्लोरा जो की रुक्मिणी भी कहलाती, किस्म लगानी चाहिए। इसे बरसात में लगाया जाता है। गमले में लगाने के लिए बौनी किस्म ठीक रहती है।
मुसंडा
बरसात में लगाया जाने वाला ये पौधा गुलाबी, सफेद और पीला फूल देता है। फरवरी में इसकी कटिंग की जाती है जिसके बाद ये अच्छी तरह मार्च से नवंबर तक फूल देता है। इसको काफी पानी चाहिए।
डहेलिया
डहेलिया लाल, पीला, गुलाबी, बैंगनी, दोहरे रंगों में मिलता है। इसके फूल कई दिन तक डाल पर बने रहते हैं और काफी बड़े होते हैं। ये जड़ों का फूल है। इसको केवल संभल कर पानी देना पड़ता है और बीच में खाद देनी चाहिए।
अलीमुंडा
इसे बरसात के मौसम में लगाया जाता है। इसके बड़े पीले फूल इसका मुख्य आकर्षण होता है। इसे छाया में भी रखा जा सकता है। इसमें नियमित पानी जरूर देना चाहिए।
गुड़हल
गुड़हल कई रंगों में मिलता है जैसे लाल, गहरा लाल, गुलाबी, बैंगनी, नीला आदि। समय समय पर इसमें खाद डालते रहनी चाहिए। नियमित सिंचाई जरूरी है। इसका औषधीय प्रयोग भी होता है। फूल का रस ह्रदय के रोगों में लाभदायक है।
चंपा
जुलाई से सितंबर तक इसे लगाया जा सकता है। इसके लाल फूलों में बहुत सुंदर खुशबू होती है। इसे खाद कम से कम महीने में एक बार देनी आवश्यक है।
बेला
जुलाई से सितंबर तक इस पौधे को लगाया जा सकता है। इसके खुशबूदार सफेद फूल सभी की पसंद रहते हैं।
स्नेक प्लांट
घर के अंदर गमले में या बाहर बगीचे में, आप कहीं भी ये पौधा लगा सकते हैं। स्नेक प्लांट को कम धूप और कम पानी की जरूरत होती है। एक स्टडी के अनुसार स्नेक प्लांट घर के अंदर लगाने से हवा को स्वच्छ करने में भी सहायक है।
गमलों में ऐसे लगाएं पौधे
रामबाग स्थित एक नर्सरी के संचालक सनी कुशवाहा ने बताया कि गमले की पेंदी में जो छेद हैं, उस पर एक खपडे का छोटा टुकडा अथवा छोटी-पतली गिट्टी रख दें। इससे गमले का अतिरिक्त पानी तो बह जाता है, परन्तु मिट्टी सुरक्षित रहती है। गमले में पर्याप्त पानी रहने के लिए उसे ऊपर से दो इंच खाली रखें। पौधा लगाने पर उसे तुरंत पानी दें।
पानी जमा न होने दें
बरसात में पौधों को अतिरिक्त पानी से बचाना भी जरूरी है। गमलों में ज्यादा पानी जमा करने से पौधों के तने और जड़ सडऩे लगते हैं। इसके लिए गमलों से अतिरिक्त पानी निकाल दें। बरसात के दिनों में हर 15 दिन में गुड़ाई भी करते रहें।
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