ताज रात्रि दर्शन को 'सु्प्रीम' प्रयास, ऑनलाइन टिकट के लिए दर्ज की गई याचिका Agra News
आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन ने टिकट व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता बताई। एक दिन पूर्व एएसआइ के कार्यालय से खरीदनी पड़ती है पर्यटकों को टिकट।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताज के रात्रि दर्शन के ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था में बदलाव को आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन (एडीएफ) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। तीन जुलाई को दायर की गई याचिका में पर्यटकों को होने वाली परेशानी का हवाला देकर रात्रि दर्शन के टिकट की व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता बताई गई है।
सुप्रीम कोर्ट के 25 नवंबर, 2004 के आदेश पर ताज में रात्रि दर्शन की शुरुआत दोबारा हुई थी। माह में पांच दिन (पूर्णिमा, उससे दो दिन पूर्व और दो दिन बाद) ताज रात में खुलता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार रात्रि दर्शन के कंप्यूटरीकृत टिकट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआइ के माल रोड स्थित कार्यालय से एक दिन पूर्व बिकते हैं। जिसके चलते देसी-विदेशी पर्यटकों को लाइन में लगकर परेशानी का सामना करना पड़ता है। एडीएफ के सचिव केसी जैन ने बताया कि ताज रात्रि दर्शन को पर्यटक आतुर रहते हैं, लेकिन एएसआइ कार्यालय जाना और एक दिन पूर्व टिकट खरीदना सभी के लिए संभव नहीं है। इससे वो रात्रि दर्शन से वंचित रह जाते हैं। एएसआइ 27 दिसंबर, 2014 से ताजमहल के दिन में दीदार का ऑनलाइन टिकट सफलतापूर्वक दे रहा है, उसी तरह रात्रि दर्शन का टिकट भी मिलना चाहिए। यह कदम डिजिटल इंडिया के सपने को भी साकार करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
एडीएफ अध्यक्ष पूरन डाबर ने भी ऑनलाइन टिकट को वर्तमान की आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को पुरानी शर्त में बदलाव करना चाहिए, जिसके लिए सभी विभागों को समर्थन करना चाहिए।
एएसआइ का प्रार्थना पत्र हो गया था निरस्त
एएसआइ ने रात्रि दर्शन के टिकट की व्यवस्था में बदलाव को एक प्रार्थना पत्र सितंबर, 2015 में सुप्रीम कोर्ट को दिया था। सभी तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नहीं रखे जाने से सितंबर, 2018 में वो निरस्त हो गया।
ताज रात्रि दर्शन के आंकड़े
-नवंबर, 2004 से मार्च, 2018 तक 82708 पर्यटकों ने ताज रात्रि दर्शन किया।
-रात्रि दर्शन करने वालों में 28358 विदेशी, 46063 भारतीय और 7465 बच्चे थे।
-इससे एएसआइ को 4.91 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई।