Northern Bypass in Agra: अब शुरू हुई आगरा− दिल्ली और आगरा− अलीगढ़ रूट को जोड़ने की कवायद, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
Northern Bypass उत्तरी बाइपास के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट में याचिका। आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन ने दाखिल की याचिका। दिसंबर 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने किया था आदेश। डीजल चालित भारी वाहनों के रात में एमजी रोड और यमुना किनारा रोड से गुजरने पर पाबंदी लगाने की मांग भी।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में उत्तरी बाइपास के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। 17 अक्टूबर को दायर की गई याचिका में आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन ने परिवहन मंत्रालय से 24 किमी लंबे उत्तरी बाइपास को बनाकर आगरा-दिल्ली रोड (राष्ट्रीय राजमार्ग-19) और आगरा-अलीगढ़ रोड (राष्ट्रीय राजमार्ग-509) को जोड़ने की मांग की है। याचिका में डीजल चालित भारी वाहनों के रात में एमजी रोड और यमुना किनारा रोड से गुजरने पर पाबंदी लगाने की मांग भी की गई है।
फाउंडेशन के सचिव केसी जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 दिसंबर, 1996 के आदेश में आगरा में बाइपास का निर्माण करने को कहा था। सात अगस्त, 2006 को सुप्रीम कोर्ट ने बाइपास निर्माण के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। आगरा-दिल्ली मार्ग को आगरा-अलीगढ़ मार्ग से जोड़ने की जरूरत को शहरी नियाेजन व आवास विभाग, लखनऊ ने स्वीकार किया था और 14 फरवरी, 2011 को एडीए को नोडल एजेंसी बनाया था। राज्य सरकार ने प्रभावी पहल नहीं की। 10 दिसंबर, 2016 को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आगरा में हुई सभा में उत्तरी बाइपास बनाने की घोषणा की, लेकिन अब तक कोई ठोस योजना सामने नहीं आ सकी है। एक जून, 2019 को लांच किए गए आगरा के एयर एक्शन प्लान में भी बाइपास बनाने की बात कही गई है, जिससे कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण से बचा जा सके।
याचिका में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर की रिपोर्ट को भी शामिल किया गया है। उसमें आगरा में वायु प्रदूषण के लिए वाहनों व सड़कों से उड़ने वाली धूल को जिम्मेदार बताया गया था। यदि भारी वाहनों के रात में यमुना किनारा रोड आैर एमजी रोड से गुजरने पर रोक लगा दी जाए तो वायु गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है।