तिहाड़ को भेजा पत्र, मांगी निर्भया के हत्यारों को गरुड़ पुराण सुनाने की इजाजत Agra News
जेल सुधारक प्रदीप रघुनंदन ने तिहाड़ के अधिकारियों को लिखा पत्र। दोषियों को मानसिक भय से मुक्ति करने के लिए गरुण पुराण सुनाने की जरूरत।
आगरा, जागरण संवाददाता। निर्भया के दुष्कर्मी हत्यारों को फांसी के फंदे पर लटकाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। वहीं, दूसरी ओर जेल में बंदियों के सुधार की मुहिम चलाने वाले प्रदीप रघुनंदन ने निर्भया के हत्यारों को फांसी से पहले मानसिक भय समाप्त करने और कर्मानुसार प्रदत्त सजा को स्वीकार करने के लिए उन्हें गरुड़ पुराण सुनाने की इजाजत मांगी है। इसे लेकर तिहाड़ जेल के अधिकारियों को पत्र लिखा है।
केंद्रीय कारागार तिहाड़ के आइजी संजीव गोयल को भेजे पत्र में प्रदीप रघुनंदन ने लिखा है कि दोषियों को फांसी की सजा दी जानी है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी पूरी कर ली गई हैं। चारों दोषियों को मानसिक भय से मुक्त करने और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अनुसार मृत्यु दंड स्वीकार करने और उनकी आत्मा के सद्गति प्राप्त होने के लिए गरुड़ पाठ का सुनाया जाना भारतीय धर्म और संस्कृति के लिए लाभकारी होगा। ऐसे में चारो दोषी मोह से मुक्त होने अपने दंड को प्राप्त कर सकेंगे।
प्रदीप रघुनंदन को फिलहाल तिहाड़ जेल प्रशासन के अधिकारियों से तिहाड़ जेल प्रशासन के अधिकारियों की अनुमति का इंतजार है। उन्होंने बताया कि तिहाड़ के अधिकारियों ने उनकी इस मांग से गृह मंत्रालय को अवगत कराने की कहा है। वहां से निर्णय होने के बाद ही उन्हें इससे अवगत कराया जाएगा। मूलत: एटा निवासी प्रदीप एक दशक से अधिक से उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदियों से सुधार से संबंधित मुहिम चला रहे हैं। रचनात्मक विकास के जरिए उन्हें मानसिक रूप से परिवर्तित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
दिसंबर वर्ष 2012 में घटना हुई थी
16 दिसंबर 2012 की रात में दिल्ली में चलती बस के अंदर एक पैरामेडिकल छात्र से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, जिसके बाद अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। इस घटना से आहत देशभर के लोगों न दुख जताया था और उसके साथ दरिंदगी करने वालों को सख्त सजा की मांग उठाई थी। निचली अदालत से सुनवाई के बाद और फिर सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई करते हुए मामले में चारों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी है। अब निर्भया कांड के चारों गुनाहगारों को फांसी देने के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की गई है।
कई सम्मानों से सम्मानित हैं प्रदीप
- आइएसओ अवार्ड-2008
- स्कॉच अवार्ड-2016
- युवा रतन पुरस्कार-2017
-राष्ट्रीय जेल सेवा सम्मान-2018
- राष्ट्रपति डाक्टर हामिद अंसारी द्वारा प्रशस्तिपत्र
- नेशनल ऑइकान अवार्ड-2019
- राष्ट्रीय युवा शिरोमणि पुरस्कार-2019
- इंटरनेशनल एजूकेशन अवार्ड-2020
- नागरिक सम्मान पद्मश्री के लिए चार बार नामित, 2020 में भी नामित हैं।
क्या है गरुड़ पुराण
गरुड़ पुराण वैष्णव सम्प्रदाय से सम्बन्धित है और सनातन धर्म में मृत्यु के बाद सद्गति प्रदान करने वाला माना जाता है। इसलिये सनातन हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद गरुण पुराण के श्रवण का प्रावधान है। इस पुराण के देव भगवान विष्णु हैं। इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, निष्काम कर्म की महिमा के साथ यज्ञ, दान, तप तीर्थ आदि शुभ कर्मों के बारे में बताया गया है। इसके अलावा इसमें आयुर्वेद, नीतिसार आदि विषयों के वर्णन के साथ मृत जीव के अन्तिम समय में किये जाने वाले कृत्यों का विस्तार से वर्णन भी किया गया है। अठारह पुराणों में गरुड़ महापुराण का अपना एक विशेष महत्व है। गरूड़ पुराण में विष्णु-भक्ति का विस्तार से वर्णन है।