CoronaVirus: दिल्ली के जलसे में शामिल लोगों ने आगरा की बढ़ाई चिंता, आठ आए सामने
राजधानी दिल्ली में तब्लीगी मरकज में शामिल होने गए थे आगरा से छह और मथुरा से दो जमाती। तीन जमाती आगरा दो एटा और एक जमाती था फीरोजाबाद का।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरावासी अभी तक खुद को महफूज समझ रहे थे क्योंकि अब तक जितने भी केस कोरोना के यहां सामने आए, संक्रमण उन तक ही सीमित रहा। यहां किसी और को ट्रांसफर नहीं हुआ। दिल्ली के धार्मिक जलसे ने चिंता बढ़ा दी है। हजरत निजामुद्दीन पर हुए तब्लीगी मरकज में शामिल होने के लिए आगरा मंडल से आठ लोग गए थे। इनमें मथुरा, एटा और फीरोजाबाद के लोग भी शामिल हैं। चिंता अकेले आगरा की ही नहीं है, दूसरे देशों का हाल देख अपनी गनीमत मान रहा पूरा देश अब इसी चिंता से ग्रस्त है। चूंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अब आगरा आना कैंसिल हो गया, ऐसे में पुलिस पूरी ताकत से दिल्ली में जलसे से भाग लेकर लौटे लोगों की तलाश में जुट गई है। डीजीपी ने इस बाबत अलर्ट जारी किया है।
राजधानी दिल्ली में धारा 144 लागू होने के बावजूद निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी मरकज में डटे रहे लोगों में से छह की मौत तेलंगाना में होने के बाद पूरा मामला खुलकर सामने आया। स्वास्थ्य विभाग की टीमें अलर्ट हुईं तो 24 लोग पॉजीटिव पाए गए। 228 संदिग्धों को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालाेें में भर्ती कराया गया है। इधर राजधानी दिल्ली को जब खाली करने की लोगों में होड़ मची तो हजारों लोग पैदल ही आगरा की ओर चल दिए। सोमवार रात को ही इस बात की पुष्टि हो गई थी कि तब्लीगी मरकज में शामिल होने वालों में आगरा के लोग भी शामिल थे। दिल्ली में हुई जमात में आगरा से एक साथ छह और मथुरा से दो जमाती गए थे। इनमें से आगरा के रहने वाले तीन थे। जबकि फीरोजाबाद का एक और एटा के दो शामिल थे। डीजीपी के अलर्ट जारी करने के बाद आगरा से सभी के बारे में जानकारी की गई। अभी तक ये दिल्ली में ही ठहरे हुए हैं। एलआइयू ने इनके स्वजनों से संपर्क करके जानकारी जुटाई। दोपहर में इनके संबंध में आख्या भेज दी गई।
दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन में फॉरेन टीम्स ऑफ तब्लीगी जमात का आयोजन हुआ था। उत्तर प्रदेश के 18 जिलों से जमातियों ने इसमें हिस्सा लिया था। जमात में शामिल छह की तेलंगाना में मौत के बाद मेरठ में एक ही परिवार के कई लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया। इसके बाद डीजीपी कार्यालय से सभी संबंधित 18 जिलों में अलर्ट जारी किया गया। यहां से जमात में गए लोगों से संपर्क करके उनका मेडिकल चेकअप कराने के बाद मंगलवार को दोपहर तीन बजे तक रिपोर्ट मांगी थी। मुख्यालय से पत्र मिलने के बाद एलआइयू सक्रिय हो गई। मंगलवार को इस संबंध में एसएसपी बबलू कुमार ने रिपोर्ट भेज दी। इसके मुताबिक, 21 मार्च को आगरा से एक साथ छह और मथुरा से दो जमाती इस जमात में शामिल होने गए थे। डीजीपी कार्यालय से भेजी गई सूची में आगरा के वजीरपुरा निवासी आसिफ, नाई की मंडी निवासी जीशान, मलपुरा के मुल्ला की प्याऊ निवासी इरबाज शामिल हैं। इनके साथ फीरोजाबाद के नक्कारची टोला निवासी रिहान, एटा के जलेसर निवासी आजम खान और गुफरान भी गए थे। एलआइयू की रिपोर्ट के अनुसार ये सभी अभी तक दिल्ली में मरकज मस्जिद निजामुद्दीन में ही एक साथ मौजूद हैं।
मथुरा से गए जमातियों में से एक लौटा
निजामुद्दीन में हुई जमात में मथुरा के राया से शाहिद और इजराइल गए थे। इनमें से शाहिद अभी वहीं हैं। इजराइल वापस आ गया। उसका कोरोना की जांच को नमूना लिया गया था। वह नकारात्मक आया है।
...इसलिए चिंता ज्यादा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को ही यह साफ किया था कि भारत अभी दूसरे स्टेज में ही है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन जैसी बात सामने नहीं आई है। यदि हम तीसरे चरण में पहुंचे तो हालात बहुत भयावह होंगे। हालांकि निजामुद्दीन इलाके में बड़े पैमाने पर लोगों का संक्रमित मिलना इशारा कम्युनिटी ट्रांसमिशन की ओर ही कर रहा है। आगरा में लोगों में इसी बात को लेकर चिंता है कि यदि आगरा से गए लोग यहां चोरी-छिपे वापस आ गए होंगे तो वहीं कहीं अपने परिवार और आस-पडाेेसियों के लिए खतरा न बनें।
गांव-गांव है तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता के बाद आगरा जिले में भी ब्लॉक स्तर पर तैयारी हो चुकी हैं। गांवों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। प्रधानों को जिम्मेदारी दी जा रही है। यदि गांव में कोई संक्रमित मिलता है तो तुरंत सूचना देने के आदेश हैं।
आगरा में इलाज, यह बड़ी राहत
रेलवे अधिकारी की पुत्री का केस 13 मार्च को सामने आया था। इसके बाद डॉक्टर पुत्र, ऑटोमोबाइल व्यापारी की पुत्री और स्कूल संचालक के पुत्र का मामला सामने आया। इन सभी को उपचार आगरा में ही एसएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। रेलवे अधिकारी की पुत्री पूरी तरह स्वस्थ्य होकर सोमवार रात अपने घर पहुंच चुकी हैं। अन्य संक्रमित लोगों का भी ठीक दिशा में इलाज चल रहा है। यही बड़ी राहत की बात है कि आगरा में उपचार का समुचित बंदोबस्त है। यदि अब केस बढ़ते भी हैं तो आगरा का स्वास्थ्य महकमा उनको हैंडल करने में सक्षम है।