Lockdown 4.0: सरकार का पैकेज गरीब और किसान के लिए नहीं, करना होगा कुछ और
प्रवासी मजदूराेें और गरीबों का नहीं थम रहा रेला। भोजन के साथ अप्रवासी महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन्स भी बांट रहे आगरा के लोग।
आगरा, जागरण संवाददाता। कारवां लंबा है। ऐसा लग रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही लाखों लोगों का यह सफर थमेगा। चौथा चरण सोमवार से शुरू हो चुका है। अभी भी दिल्ली एनसीआर इलाके से आने वाले लोगों के कदम थमे नहीं हैं। आगरा की सीमा से रोजाना हजारों लोग गुजर रहे हैं। उनको भोजन-पानी मुहैया कराने के लिए तमाम लोग जुटे हैं। वहीं आगरावासियों ने एक और अनूठी पहल की है। प्रवासी मजदूर महिलाओं को रास्ते में कोई तकलीफ न हो, इसके लिए सेनेटरी पेड्स भी वितरित किए जा रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज का लाभ गरीबों और किसानों को न मिलना बताते हुए दूसरे राजनीतिक दल इसकी कड़ी आलोचना भी कर रहे हैं।
आगरा-दिल्ली और आगरा-कानपुर हाईवे पर प्रवासी मजदूरों का रेला चल रहा है। ज्यादातर वे लोग हैं, जो दिल्ली से चलकर पूर्वी उत्तर प्रदेश या बिहार जा रहे हैं। इनके लिए हर तरह से मदद मुहैया कराने को आगरा के लोग तत्पर हैं। भाजपा नेता नंदी महाजन के नेतृत्व में नूतन कुदेशिया, मधु दीदी, अन्नू समेत महिलाओं के जत्थे ने प्रवासी मजदूर महिलाओं को सेनेटरी पेड्स वितरित करने का अभियान चलाया। यहां से गुजर रही प्रवासी मजदूर महिलाओं ने पैड पाकर आभार जताया। उनका कहना था कि लाक डाउन में व्यवस्था न होने से उन्हें भारी परेशानी हो रही थी। सैनिटरी नैपकिन वितरित बांटकर महिलाओं की बहुत बड़ी समस्या का समाधान किया गया है। नंदी महाजन ने कहा कि यह अभियान निरंतर चलाते रहेंगे।
दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिह चाहर ने कहा है कि मोदी सरकार का आर्थिक पैकेज मात्र ढकोसला है। इस पैकेज से कोरोना जैसे महाकाल में किसान, गांंव, गरीब व मजदूर के बदहाल हालात पर इसका कोई असर नहीं आने वाला है। उन्होंने कहा कि जब तक किसान को अपनी फसल का लाभकारी मूल्य नहीं मिलेगा, मजदूरों को रोजगार नहीं मिलेगा तब तक देश के आर्थिक हालात नहीं सुधरने वाले। कोरोना से सबसे बड़ा नुकसान किसान और मजदूर को हुआ है दूध, फल,फूल, सब्जी का कोई लिवाल नहीं है। किसान की पूरी फसल सरकार सरकार खरीद नहीं रही, आलू की कोल्ड स्टोर से निकासी नहीं हो रही, किसान के हाथ में पैसा नहीं तो आर्थिक हालात कैसे सुधरें।
वहीं सपा नेता राहुल चतुर्वेदी ने कहा है औरेया सड़क हादसे में गई 24 प्रवासी मज़दूरों की जान से स्पष्ट है कि इस आपदा के समय में भी सरकार की नीतियोंं में ग़रीब और मज़दूरों से कोई सरोकार नहीं हैं। जहांं एक तरफ़ सरकार लाखों करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर रही है, वहीं दूसरी ओर किसी भी दशा में लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है। इतने लम्बे समय के लाॅॅकडाउन में सरकार प्रयोग पर प्रयोग कर रही है। सरकार द्वारा जारी आर्थिक पैकेज केवल काग़ज़ों तक सीमित है। आज यह हालत है कि शासन के दिशा निर्देशों को उनके ही अधिकारी गम्भीरता से नहीं ले रहे हैंं, समय रहते सरकार इस महामारी को गम्भीरता से लेते हुए कुछ सकारात्मक पहल करती तो आज इतने लोगों को जान नहीं गवानी पड़ती। चिकित्सा सुविधाओं के कुप्रबंधन की हालत ये है कि लम्बी और गम्भीर बीमारियों से ग्रसित मरीज़ों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण लोगों की जान चली गई है।