पीएम मोदी के वैक्सीन लगवाते ही केंद्रों पर लगी लाइन, उत्साह
तीसरे चरण में पहले दिन तीन केंद्रों पर 3
आगरा, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैक्सीन लगवाते ही केंद्रों पर लाइन लग गई। सोमवार को एसएन मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल और चौहान हास्पिटल, कालिदी विहार में बुजुर्ग और मरीज सहित 385 ने वैक्सीन लगवाई। एसएन मेडिकल कालेज में सर्वाधिक 188 वैक्सीन लगाई गई। सीएमओ डा. आरसी पांडे ने बताया कि पहले दिन तीन केंद्रों पर ही वैक्सीन लगाई गई है। सप्ताह में चार दिन वैक्सीन लगाई जाएगी। केंद्र की संख्या 260 की जाएगी। अब वैक्सीन कब लगेगी, यह मंगलवार को निर्धारित किया जाएगा । एसएन में बुजुर्ग माता पिता को लेकर पहुंचे डाक्टर, बुजुर्ग कैंसर मरीज के लगी वैक्सीन:
एसएन मेडिकल कालेज में 11.30 बजे तक वैक्सीन पोर्टल का सर्वर डाउन रहा। यहां डाक्टर अपने बुजुर्ग माता- पिता को लेकर पहुंचे। कर्मचारी भी अपने बुजुर्ग माता -पिता को ले आए। वहीं, 75 साल की कैंसर पीड़ित मरीज ने भी वैक्सीन लगवाई। पूर्व मेयर इंद्रजीत आर्य भी वैक्सीन लगवाने के लिए आए। एसएन में एक केंद्र पर ही वैक्सीन लगाई गई। इससे शाम तक लाइन लगी रही। यहां 188 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। जिला अस्पताल में वैक्सीन लगवाने वालों को दिए गए पुष्प:
जिला अस्पताल में वैक्सीन लगवाने पहुंचे बुजुर्ग और मरीजों को पुष्प दिए गए। यहां 97 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। वैक्सीन पोर्टल पर नाम दर्ज न कराने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को भी वैक्सीन लगाई गई। चौहान हास्पिटल में निश्शुल्क लगाई गई वैक्सीन:
निजी अस्पताल में वैक्सीन लगवाने पर 250 चार्ज लिया जा रहा है। पहले दिन चौहान हास्पिटल, कालिदी विहार में अस्पताल प्रशासन ने निश्शुल्क वैक्सीन लगाई। विधायक राम प्रताप सिंह चौहान, सीएमओ डा. आरसी पांडे भी मौजूद रहे। यहां 100 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। वेतन रोके जाने पर पहुंचे जलनिगम के कर्मचारी और पुलिस कर्मी:
एसएन में वैक्सीनेशन केंद्र पर सुबह जलनिगम के कर्मचारी वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंच गए। उन्होंने बताया कि वैक्सीन नहीं लगवाई है, इसलिए वेतन रोक दिया गया है। कुछ देर बाद ही पुलिसकर्मी आ गए। उन्होंने बताया कि वैक्सीन न लगवाने से वेतन रोक दिया गया है। इन्हें वैक्सीन लगाई गई। एसएन मेडिकल कालेज के स्वास्थ्यकर्मियों को भी वैक्सीन लगाई गई। निजी अस्पताल में वैक्सीन लगवाने पहुंचे लोग, मायूस होकर लौटे:
वैक्सीन लगवाने के लिए 60 से अधिक उम्र और 45 से अधिक उम्र के मरीजों को कोविन एप टू पर पंजीकरण कराना है। इसमें केंद्र का विकल्प भी दिया जा रहा है। लोगों ने कोविन एप पर पंजीकरण कराने के बाद निजी अस्पताल का विकल्प चुन लिया। इसके बाद लोग निजी अस्पताल में वैक्सीन लगवाने पहुंच गए। मगर, निजी अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन लगाने की व्यवस्था नहीं की थी। इसे लेकर विवाद भी हुआ। लोगों को वैक्सीन लगवाए बिना लौटना पडा। वर्जन......
पीएम मोदी ने भी वैक्सीन लगवा ली है। वैक्सीन लगवाने से कोरोना से बच जाएंगे। इसलिए वैक्सीन लगवाने आए हैं।
राजवीर सिंह, चौहान हास्पिटल वैक्सीन लगवाने का इंतजार कर रहे थे। अब नंबर आया है। वैक्सीन सुरक्षित है।
वीना शर्मा, जिला अस्पताल वैक्सीन लगवाने से रह गए थे, अब वैक्सीन लगवा ली है। संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा।
डा. एजाज अहमद खां, जिला अस्पताल वैक्सीन पोर्टल पर नाम दर्ज नहीं हुआ था। इसलिए वैक्सीन नहीं लग पाई थी। अब वैक्सीन लग गई है।
आरएस राना, एसएन मेडिकल कालेज
20 बीमारियों से पीड़ित मरीजों को लगाई जा रही वैक्सीन
1-पिछले 1 साल में हार्ट फेल्योर की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा हो
2-पोस्ट कार्डियक ट्रांसप्लांट या लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस
3-सिग्निफिकेंट लेफ्ट वेंट्रिकुलर सिस्टोलिक डिसफंक्शन (एलवीईएफ 40 परसेंट से कम)
4-माडरेट आर गंभीर वल्वुलर हार्ट डिजिज
5-पीएएच या इडियोपैथिक पीएएच के साथ कान्जेनाइटल हार्ट डिजीज
6-पहले सीएबीजी या पीटीसीए या एमआई और हाइपरटेंशन या डायबिटीज का इलाज हुआ हो, कोरोनरी अर्टरी डिजीज की शिकायत रही हो
7-एंजाइना और हाइपरटेंशन या डायबिटीज का इलाज हुआ हो
8-स्ट्रोक (सीटी या एआरआइ में पता चला हो) और हाइपरटेंशन या डायबिटीज का इलाज
9-पल्मोनरी अर्टरी हाइपरटेंशन और हाइपरटेंशन या डायबिटीज का इलाज
10-डायबिटीज (10 साल से ज्यादा समय से) और हाइपटेंशन का इलाज चल रहा हो
11-किडनी या लीवर या हिमेटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कराने वाले या वेट लिस्ट में
12-किडनी बीमारी का अंतिम चरण और मरीज हिमोडायलिसिस या सीएपीडी पर हो
13-लंबे वक्त से कोर्टिकोस्टेरॉयड्स की गोली खा रहे हों या इम्युनिटी को कम करने वाली दवाई ले रहे हों
14-डिकंपेंसेटेड सिरोसिस की बीमारी हो
15-पिछले दो साल में सांस की गंभीर बीमारी के कारण हॉस्पिटल में भर्ती हुए हों
16-लिफोमा, ल्यूकेमिया या मायलोमा की बीमारी से ग्रसित हों
17-एक जुलाई 2020 या उसके बाद जांच में किसी तरह के कैंसर का पता चला हो या कैंसर की थेरेपी ली हो
18-सिकल सेल बीमारी या बोन मेरो फेल्योर या एप्लास्टिक एनीमिया या थैलेसेमिया की बीमारी
19-प्राइमरी इम्युनोडिफिशिएंसी डिजीज या एचआईवी इन्फेक्शन
20-इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटिज या मस्कुलर डिस्ट्रोफी या एसिड अटैक से श्वसन तंत्र का प्रभावित होना या दिव्यांग या अंधापन या बहरापन