आगरा में दवा प्रतिनिधियों ने बदला तरीका, मरीजों को डाक्टर थमा रहे दवा की स्लिप
डाक्टर और दवा प्रतिनिधियों के गठजोड़ से मरीजों को नहीं मिल पा रहीं जेनेरिक दवाएं। डाक्टर बाजार से दवा खरीदने के बाद चेक कराने के लिए कहते हैं जिससे मरीज दवा खरीद ले। हर सप्तह दवा प्रतिनिधि डाक्टर को कमीशन दे देते हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। मरीजों को सस्ती जेनेरिक दवाएं कैसे मिलें। जिला अस्पताल में डाक्टर और दवा प्रतिनिधियों के गठजोड़ से मरीजों को बाजार से दवाएं खरीदने के लिए स्लिप दी जा रही है। कुछ डाक्टर मरीज के पर्चे के पीछे दवाएं लिख रहे हैं।
जिला अस्पताल की ओपीडी में 3000 से 3800 मरीज हर रोज आते हैं। इन मरीजों को दो से तीन तरह की दवाएं अस्पताल से निश्शुल्क मिल जाती हैं। इसके साथ ही डाक्टर दो एक से दो तरह की दवाएं बाजार से लेने के लिए कह रहे हैं। इसके लिए मरीज को अलग से एक स्लिप थमा रहे हैं, इस स्लिप पर एक या दो तरह की दवा लिखी होती है। ये दवा मरीज को बाजार से खरीदनी पड़ रही है। कुछ डाक्टर पर्चे के पीछे दवा लिखकर दे देते हैं। जबकि जिला अस्पताल में जन औषधि केंद्र है। यहां जेनेरिक दवाएं मिलती हैं लेकिन डाक्टर दवा के साल्ट का नाम नहीं लिखते हैं। इसलिए मरीज को बाजार से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. अशोक अग्रवाल का कहना है कि बाहर की दवाएं लिखने पर रोक है, जो भी मरीज को बाहर से दवाएं लाने के लिए स्लिप दे रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मरीज के दवा खरीदने पर डाक्टर को कमीशन
दवा कंपनी के प्रतिनिधि मरीज के दवा खरीदने पर डाक्टर को कमीशन देते हैं। इसके चलते डाक्टर बाजार से दवा खरीदने के बाद चेक कराने के लिए कहते हैं, जिससे मरीज दवा खरीद ले। हर सप्तह दवा प्रतिनिधि डाक्टर को कमीशन दे देते हैं।
आंख में दर्द रहता है। डाक्टर ने बाजार से दवा लेने के लिए कह दिया और पर्चे के पीछे दवा लिख दी।
ओमवती, ताजगंज
अस्पताल से एक दवा मिली है, पर्चे के पीछे डाक्टर ने दवा लिख दी और कह दिया के बाजार से खरीद लें।
ममता, अशोक नगर
दर्द की समस्या रहती है, डाक्टर ने एक स्लिप दे दी। दो दवाएं लिखी थी, बाजार से दवाएं खरीदनी पड़ी।
संतोष, पंचकुइया
पांच दवाएं लिखी थी, एक दवा बाजार से खरीदने के लिए कह दिया और पर्चे के पीछे दवा का नाम लिख दिया।
सुशीला देवी, देवरी रोड