शर्मनाक! लोडिंग रिक्शा नहीं स्ट्रैचर कहिए जनाब, इलाज की जगह यहां मिलती है दुत्कार Agra News
ओपीडी में नहीं मिली व्हील चेयर इलाज से किया इन्कार। इमरजेंसी और ओपीडी में इलाज के लिए भटकते रहे मरीज।
आगरा, जागरण संवाददाता। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों को सस्ता इलाज मुहैया कराने के लिए योजना चला रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार अस्पताल के डॉक्टर गरीबों को इलाज तो क्या उन्हें प्राथमिक सुविधा देने की जगह सिर्फ दुत्कार रहे हैं।
एसएन में बुधवार को लोडिंग रिक्शा से महिला मरीज को लेकर पहुंचे तीमारदारों को दुत्कार कर भगा दिया। मरीज और तीमारदार इलाज के लिए गिड़गिड़ाते रहे। उन्हें इलाज के बिना ही लौटना पड़ा।
शाहगंज निवासी नन्नो के पैर में फ्रैक्चर हो गया था, उन्हें पड़ोसियों की मदद से बेटा लोडिंग रिक्शे से एसएन लेकर पहुंचा। यहां व्हील चेयर नहीं मिली। उनके साथ आई बुजुर्ग महिला ने हाथ से एक पैर पकड़ा तो वह बमुश्किल घिसट-घिसट कर ओपीडी में पहुंची। मगर, तब तक 1.10 बज गए, इससे पर्चा नहीं बना। डॉक्टरों ने देखने से इन्कार कर दिया। उन्होंने डॉक्टर और स्टाफ से इलाज की गुहार लगाई पर उन्हें दुत्कार कर भगा दिया। कहा कि एक बजे से पहले आना, 20 मिनट तक ओपीडी के बाहर बैठने के बाद वह घिसटते हुए ही गेट तक आईं और इलाज के बिना परिजन लोडिंग रिक्शा पर बिठाकर वापस ले गए। प्राचार्य डॉ. जीके अनेजा ने बताया कि ओपीडी में एक बजे तक पर्चे बनते हैं। हालांकि, इस तरह के केस में मरीज को परामर्श दे देना चाहिए।
बंदर के हमले में सातवीं का छात्र गिरा, नहीं मिला इलाज
रावली निवासी महेश कुमार का बेटा विकास सातवीं कक्षा में पढ़ता है, गुरुवार दोपहर में वह स्कूल से घर लौटा। पहली मंजिल पर कमरे के बाहर कपड़े बदल रहा था, बंदर ने हमला कर दिया। इससे वह नीचे गिर गया। उसके मुंह में चोट आ गई, परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, यहां से उन्हें एसएन इमरजेंसी भेज दिया। एसएन इमरजेंसी पहुंचने पर ओपीडी में जाने के लिए कह दिया। दोपहर 1.30 बजे ओपीडी पहुंचे तब तक डॉक्टर जा चुके थे। परिजन बच्चे को लेकर इमरजेंसी पहुंच गए और हंगामा किया।
फर्रुखाबाद से आए मरीज को देर से पहुंचने पर नहीं मिला इलाज
बुधवार को एसएन की ओपीडी में 1.40 बजे फर्रुखाबाद निवासी सरिता को लेकर परिजन पहुंचे। उसे चक्कर आते हैं। ओपीडी बंद हो चुकी थी, इससे इलाज नहीं मिल सका।
दोपहर एक के बाद नहीं मिलता इलाज
जिला अस्पताल और एसएन की ओपीडी में दोपहर एक बजे तक पर्चे बनते हैं। इसके बाद पहुंचने वाले मरीजों को इलाज नहीं मिलता है। इमरजेंसी में गंभीर मरीज ही भर्ती किए जाते हैं। मरीजों को शाम को भी इलाज मिल सके, इसके लिए शाम की ओपीडी और एसएन इमरजेंसी में ओपीडी का प्रस्ताव तैयार किया गया था। मगर, इस पर अमल नहीं हो सका है।