World Heritage Week: यहां तो तालों में कैद हैं विश्व धरोहरेेंं, नहीं कर पाते पर्यटक दीदार Agra News
विश्व धरोहर ताजमहल आगरा किला व फतेहपुर सीकरी के कई हिस्से बंद। स्मारकों के बंद हिस्से खुलें तो पर्यटकों के लिए बढ़ें ताजनगरी में आकर्षण।
आगरा, जागरण संवाददाता। तीन वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स, धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन के भरपूर आकर्षणों के बावजूद ताजनगरी में स्मारक सिसक रहे हैं और पर्यटन दम तोड़ रहा है। विश्व धरोहर तालों में कैद हैं। वीआइपी के लिए तो वो सहज-सुलभ हैं, लेकिन आम पर्यटकों के लिए ख्वाब ही बने हुए हैं। विश्व धरोहरों के बंद हिस्सों को ही खोल दिया जाए तो पर्यटकों के लिए नया आकर्षण बढ़ेगा। इससे ताजनगरी में दम तोड़ते पर्यटन को भी कुछ आस बंधेगी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा मंगलवार से विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जाएगा। इसमें विश्व धरोहर स्थलों में शुमार ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी समेत अन्य स्मारकों सिकंदरा, एत्माद्दौला, मेहताब बाग और मरियम टॉम्ब में कार्यक्रम कराए जाएंगे। एएसआइ स्वयं तो विश्व धरोहर सप्ताह मना रहा है, लेकिन उसने विश्व धरोहर स्थलों के कई हिस्सों को तालों में कैद कर रखा है। एक बार बंद होने के बाद यह स्मारक पर्यटकों की पहुंच से ऐसे दूर हुए कि फिर उनका दीदार ख्वाब ही बन गया।
आगरा किला स्थित शीश महल (हमाम) तो अपने आप में कलाकारी का अनुपम नमूना है। हल्की सी रोशनी होते ही यह जगमगा उठता है, लेकिन यह सैलानियों के लिए वर्षों से बंद है। यह शीशमहल पर्यटकों के लिए आगरा किला में सबसे बड़ा आकर्षण बन सकता है। शिकायत रहती है कि विदेशी पर्यटक आगरा आते हैं, लेकिन यहां रुकना पसंद नहीं करते। यह सच भी है। साल 2017 की अपेक्षा वर्ष 2018 में आगरा में विदेशी पर्यटकों के पहुंचने का आंकड़ा बढ़ा, लेकिन रात्रि प्रवास का आंकड़े में 3.19 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। स्मारकों के बंद हिस्से खुलें तो पर्यटक स्मारकों में अधिक समय व्यतीत करेंगे। इससे उनका रात्रि प्रवास भी बढ़ सकता है, जो पर्यटन उद्योग की जान है। वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 (जनवरी से अक्टूबर तक) में 46,850 विदेशी और 6,96,667 भारतीय पर्यटक कम आए हैं। यह ताजनगरी के पर्यटन कारोबार के लिए बड़ा झटका है।
विश्व धरोहरों में बंद हैं यह हिस्से
ताजमहल :
-तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की कब्रें। इन्हें शाहजहां के उर्स के दौरान साल में तीन दिन ही सैलानी देख पाते हैं।
-शाहजहां की मुमताज के अलावा अन्य बेगमों सरङ्क्षहदी बेगम, फतेहपुरी महल बेगम और कंधारी बेगम के मकबरे।
-पश्चिमी गेट स्थित सती उन्निसा का मकबरा। इसमें टिकट विंडो संचालित है।
-पश्चिमी नौबतखाना में म्यूजियम संचालित है, जबकि पूर्वी नौबतखाना बंद है।
-मेहमानखाना में रेलिंग लगा दी गई है, जिससे पर्यटक अंदर नहीं जा पा रहे हैं।
आगरा किला
-शीश महल।
-मुसम्मन बुर्ज।
-मोती मस्जिद
-रतनसिंह की हवेली।
-मीना बाजार।
-मुगल हमाम।
-आगरा किला का करीब 60 फीसद भाग सेना के अधिकार क्षेत्र में है। इसमें दिल्ली गेट, सलीमगढ़ और बीरबल हाउस हैं। दिल्ली गेट और सलीमगढ़ देखने योग्य हैं।
फतेहपुर सीकरी
-हकीम हाउस
-टर्किश बाथ
-ख्वाबगाह
-रंग महल
-जोधाबाई पैलेस में ऊपरी तल बंद है।
-पंचमहल में ऊपर नहीं जा सकते
-जनानी मस्जिद
कम हो रहे पर्यटक (जनवरी से अक्टूबर तक तुलनात्मक स्थिति)
पर्यटक, 2018, 2019, कमी
विदेशी, 713238, 666388, 46850
भारतीय, 4836937, 4140270, 696667
रात्रि प्रवास भी कम (विदेशी पर्यटक)
वर्ष, रात्रि प्रवास
2017, 57.01 फीसद
2018, 53.82 फीसद
ऐसे बढ़ सकते हैं पर्यटक
एएसआइ ने सभी स्मारकों का प्रवेश शुल्क बढ़ा दिया, लेकिन साइट सीन को छोटा करते जा रहे हैं। विश्व धरोहरों ताजमहल, आगरा किला व फतेहपुर सीकरी के ही कई हिस्से बंद हैं। अगर उन्हें खोल दिया जाए तो पर्यटकों के लिए वो नया आकर्षण बन सकते हैं।
-शमसुद्दीन, अध्यक्ष एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन
सात दिन विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जाना, स्मारकों के साथ धोखा है। स्मारकों को दुधारू गाय मानकर उनका टिकट बढ़ाते जा रहे हैं। स्मारकों की धारण क्षमता (कैङ्क्षरग कैपेसिटी) तय कर उसे लागू किया जाए। स्मारकों का उचित रखरखाव हो और पर्यटकों को अच्छा माहौल मिले।
-राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन