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अगर आप भी हैं अपनी बच्‍ची की सुरक्षा को लेकर चिंतित तो ये स्‍प्रे बनेगा कवच Agra News

बाजार में आया पेपर स्‍प्रे। परेशान में करता है हथियार का काम। आंखाें में डलने पर नहीं देता कुछ देर तक दिखाई।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 04:27 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 06:25 PM (IST)
अगर आप भी हैं अपनी बच्‍ची की सुरक्षा को लेकर चिंतित तो ये स्‍प्रे बनेगा कवच Agra News
अगर आप भी हैं अपनी बच्‍ची की सुरक्षा को लेकर चिंतित तो ये स्‍प्रे बनेगा कवच Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। कमलानगर में रहने वाली 11 साल की तनिशा को उसकी मम्मी ने अभी हाल में ही पेपर स्प्रे खरीद कर दिया है। स्कूल या ट्यूशन जाते समय तनिशा सुरक्षित रहे, इसके लिए उसकी मम्मी ने एक हथियार खुद ही उसके हाथ में थमा दिया है। तनिशा की मम्मी दीपाली का कहना है कि हम हर समय अपनी बेटी के साथ नहीं रह सकते हैं। लेकिन शहर में बच्चियों के साथ होने वाली घटनाओं से डर लगता है। इसलिए हमने उसे खुद ही अपनी सुरक्षा के लिए तैयार किया है।

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बेशक सरकार बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है। लेकिन आज के समय में भी लड़कियां ही सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। घर, ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, सड़क, हर जगह लड़कियों उत्पीडऩ हो रहा है। घर से बाहर निकलने वाली हर लड़की किसी न किसी रूप में छेडख़ानी का शिकार हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक हर रोज कम से कम छेड़छाड़ का एक मामला ताजनगरी में सामने आता है।

छोटी बच्चियां ज्यादा असुरक्षित

स्कूलों में बच्चियों के साथ इतने केस सामने आ चुके हैं, कि माता-पिता अब अपनी बच्चियों को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं। लेकिन, मजबूरी है कि बच्ची को शिक्षा के लिए स्कूल भेजना ही है। हालांकि स्कूलों में भी अब सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे लग गए हैं। इसके बावजूद कई मामलों में वैन या स्कूल बसों में बच्चियों के साथ शोषण के मामले सामने आए हैं।

बच्चियों को कर रहे जागरूक

इन घटनाओं को देखते हुए अभिभावक अपनी बच्चियों को ही जागरूक कर रहे हैं। गुड टच-बैड टच की जानकारी घरों के साथ अब स्कूलों में भी मिलने लगी है। बच्चियों को समझाया जा रहा है कि किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ कहीं अकेले नहीं जाना है। सिर्फ माता-पिता और घरवालों पर ही विश्वास करना है। कुछ भी गलत लगे तो अपनी मदद के लिए आवाज लगानी है।

कैसे करते हैं इस्तेमाल

इस स्प्रे का इस्तेमाल आपात स्थिति में बुरी नीयत से हमला करने वाले व्यक्ति की आंखों में किया जाता है। यह पेपर स्प्रे अब कई साइज में बोतलों में आता है, जिसकी कीमत 200 रुपये से शुरू होती है। इस स्प्रे को आंखों में डालने से कुछ देर तक इंसान को कुछ नहीं दिखता है, जलन होती है। एक बोतल में 40 से 50 स्प्रे होते हैं।

रोज होती हैं घटनाएं

शहर में छेड़छाड़ की घटनाएं रोज होती हैं। कुछ थानों में दर्ज हो जाती हैं तो दब जाती हैं। पिछले हफ्ते हरी पर्वत के पास एक स्थित एक स्कूल के बाहर एक शोहदे की हरकतों ने छात्राओं ने ही उसकी पिटाई कर दी थी। कैंट एरिया में स्थित एक कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को रोज ही कंपनी पार्क से होकर गुजरना होता है। इस पार्क में हर रोज ऐसे ही शोहदे खड़े होते हैं, जो लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करते हैं।

इनका क्‍या है कहना

छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए हर स्कूल के पास एंटी रोमियो स्क्वॉयड की तैनाती की जाती है। जिससे स्कूल के पास होने वाली हर घटना पर नजर रखी जा सके।

- बबलू कुमार, एसएसपी

हमारी जानकारी में हर रोज एक मामला आता है, जहां लड़की के साथ छेड़छाड़ हुई होती है। माता-पिता कई बार समाज में अपनी प्रतिष्ठा के कारण इन मामलों पर चुप्पी साध लेते हैं। पिछले दिनों हमारी संस्था की ही एक लड़की ने एक लड़के की चप्पल से पिटाई की थी। हम भी स्कूलों में लड़कियों को आत्म सुरक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

-वत्सला प्रभाकर, महिला शांति सेना

मेरी दुकान पर लगभग हर रोज अब महिलाएं पेपर स्प्रे खरीदने आ रही हैं। कुछ महिलाएं अपनी सहेलियों की बात सुनकर आती हैं तो कुछ खुद ही अपनी बेटी के साथ आती है।

- रवि कुमार, गिफ्ट गैलरी संचालक 


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