गंगा के तेवरों से हलकान हुए किसान, जलस्तर बढ़ने से जानिए क्या हुआ नुकसान
कासगंज में गंगा का जल स्तर बढ़ा ने फसलों में घुसा पानी। लौकी तोरई खरबूज तरबूज आदि की फसल हुई जलमग्न।
आगरा, जेएनएन। जीवनदायिनी गंगा जब अपने उफान पर होती है तो आस पास की कई चीजों को अपने साथ बहा कर ले जाती है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित किसान होते हैं। गंगा का जल कासगंज के किसानों के लिए बुधवार को बड़ी मुसीबत बन गया।
गंगा नदी का अचानक जल स्तर बढ़ जाने से गंगा तलहहटी की फसलों में गंगाजल घुस गया। तहसील क्षेत्र के शहबाजपुर से थाना सिकन्दरपुर वैश्य के ग्राम राजेपुर कुर्रा तक लगभग 40 किलोमीटर दायरा में बहने वाली गंगा नदी के दोनों तटों पर सैकड़ों बीघा किसानों की फसलों में पानी घुस जाने से फसलें पानी मे डूब गईं। खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, कद्दू, लौकी, करेला, टमाटर की खेती करने वाले किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं।
क्या कहते हैं किसान
रिकैरा के किसान चन्द्रपाल कश्यप का कहना है। हर बार गंगा की रेती में फसल करते थे मगर इतना जलस्तर कभी न बढ़ा। कादरगंज के सलामुद्दीन कहते हैं गंगा के बढ़े जलस्तर ने हमें बर्बाद कर दिया। बझेरा के रनवीर कहते है गंगा के तरबूज खरबूजा की मांग मंडियों में रहती है, जो पानी से बर्बाद हो गईं।