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नहरें ओवरफ्लो, 11 गांव की 150 बीघा फसल डूबी

सिंचाई विभाग के नहरों की सफाई के दावों की पोल रविवार को खुल गई। किरावली और अकोला क्षेत्र में किरावली माइनर, सिंगारपुर माइनर, गोपऊ रजवाह और कराहरा माइनर की पटरी कट गई। 11 गांव के करीब 150 बीघा खेत में पानी घुस गया। इससे गेहूं, आलू, सरसों और वर्सीम की फसल डूब गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Nov 2017 12:28 AM (IST)Updated: Mon, 13 Nov 2017 12:28 AM (IST)
नहरें ओवरफ्लो, 11 गांव की 150 बीघा फसल डूबी
नहरें ओवरफ्लो, 11 गांव की 150 बीघा फसल डूबी

जेएनएन, आगरा: सिंचाई विभाग के नहरों की सफाई के दावों की पोल रविवार को खुल गई। किरावली और अकोला क्षेत्र में किरावली माइनर, सिंगारपुर माइनर, गोपऊ रजवाह और कराहरा माइनर की पटरी कट गई। 11 गांव के करीब 150 बीघा खेत में पानी घुस गया। इससे गेहूं, आलू, सरसों और वर्सीम की फसल डूब गई।

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किरावली: शनिवार रात में पानी आने के बाद किरावली माइनर और सिंगारपुर माइनर की पटरियां टूट गईं। रविवार सुबह नगला बैरावती, बैरावती खास, अवैधोपुरा, बरौली, हऊआपुरा, मोरी आदि गांव के किसान खेतों पर पहुंचे तो यह पानी से लबालब मिले। उन्होंने पानी को रोकने का प्रयास किया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद सिंचाई विभाग को सूचना दी। रविवार की अवकाश के चलते अधिकारी और कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे। इससे किसानों में रोष है। रंधीर, सत्तो, पप्पू, दुर्गपाल, हरिओम, सुरेश आदि ने बताया कि उनकी करीब 80 बीघा गेहूं की फसल डूब गई है। उन्होंने बताया कि वे पहले से ही आलू में घाटे से जूझ रहे हैं। अब खेत में डाला गया खाद और बीज भी पानी की भेंट चढ़ गया। उन्हें दोबारा बुवाई करनी पड़ेगी।

नहरों की सफाई कराने में देरी का आरोप: किसानों ने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग जानबूझकर नहरों की सफाई में देरी करता है। किसानों को अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से पानी की आवश्यकता होती है। तब विभाग सोया रहता है। नवंबर में आनन फानन में नहरों की आधी-अधूरी सफाई कराई। पटरी की मरम्मत नहीं की और नहर चालू कर दी। इसी का नतीजा है कि पटरियां टूट गई।

मलपुरा: अकोला विकास खंड के नगला कारे में गोपऊ रजवाह नगला जयराम की ओर से आया है। सुबह करीब साढ़े चार बजे युवक टहलने गए थे। उन्हें रास्ते में पटरी कटी मिली। इससे वे हैरत में पड़ गए। खेतों की ओर पानी काफी तेजी से आने लगा। युवकों की सूचना पर किसान आ गए। पानी का तेज बहाव देख परेशान हो गए। पानी नगला कारे से गांव पिनानी की ओर मुड़ गया। मामले की जानकारी तहसील प्रशासन और सिंचाई विभाग को दी। सिंचाई विभाग के जेई शैलेंद्र सिंह टीम लेकर आ गए। उन्होंने ग्रामीणों के सहयोग से मिट्टी भरे बोरों को कटान पर डाल दिया, लेकिन पानी का बहाव तेज होने के कारण सफलता नहीं मिली। करीब दो घटे की मशक्कत के बाद वे भी हट गए। इससे करीब 50 बीघा से अधिक खेत में पानी घुस गया। सरसों, वर्सीम, आलू आदि की फसल जलमग्न हो गई।

इनकी फसल हुई बर्बाद:

संतोष, मेघश्याम, वेदप्रकाश, सत्यप्रकाश, ओमप्रकाश, देवेंद्र, महेंद्र, श्याम, प्रताप, सोबरन, रमेश, रमन, बलवीर, शिवलू आदि के गेहूं, आलू और वर्सीम की फसल बर्बाद हो गई है।

वहीं नगला सिकरवार में कराहरा माइनर की पटरी पानी का तेज बहाव होने के कारण कट गई। इससे पानी खेतों में घुस गया। नहर विभाग की ओर से कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा। तहसील किरावली से पहुंचे लेखपाल ने आकड़े जुटाए हैं। हरवीर सरपंच, नरेंद्र, रामसरन समेत अन्य किसानों के खेत जलमग्न हो गए। हरवीर सरपंच ने बताया कि ज्यादातर खेत खाली थे। इसलिए नुकसान नहीं हो सका है।

नगला कारे स्थित रजवाह में पाइप डालकर ग्रामीणों ने अवैध रूप से पुलिया बना रखी है। तेज बहाव में आया पानी ओवरफ्लो हो गया। इससे पटरी कट गई है।

शैलेंद्र सिंह, जेई, सिंचाई विभाग।


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