जीभ की मानी तो शरीर के कई अंग हो सकते हैं नाराज
अधिक देर भूखा रहकर इकठठा खाना या बार बार खाने की आदत बन सकती है मोटापा और अन्य बीमारियों का कारण। डायटिशियन आकांक्षा गुप्ता ने सुझाए उपाय। न करें क्रेश डायट का भी प्रयोग, रखें संतुलित आहार।
आगरा [तनु गुप्ता]: कुछ इंच की जीभ बड़ी मुसीबत का कारण भी बन सकती है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, एसिडिटी जैसी लंबी फेहरिस्त है बीमारियों की जो चटोरापन सौगात के रूप में दे सकता है। डायटिशियन आकांक्षा गुप्ता के अनुसार आज के समय में ओवर इटिंग बड़ी समस्या है, जो अधिकांशत: लोगों की आदत में शुमार हो चुकी है। खाना हर किसी को बहुत पसंद होता है लेकिन कई बार ये आदत बड़ी मुसीबत बन जाती है। मोटापा जैसी बीमारी इसी आदत की देन होती है। अधिक वजन कई बीमारियों का जनक होता है।
आकांक्षा के अनुसार बार- बार खाना या फिर लंबे समय तक भूखे रहकर इकठ्ठा खाना, दोनों ही शरीर के लिए नुकसानदायक है।
क्या है फूडी होने का कारण
कई लोगों को खाना बहुत पसंद होता है। वे पूरे दिन कुछ न कुछ खाते रहते हैं। कई बार लोग तनाव से ग्रस्त होकर ढेर सारा खा लेते हैं। इसका एक और भी बड़ा कारण है कि अक्सरकर महिलाएं सुबह से घर के काम निबटाने में लगी रहती हैं। सुबह से कुछ नहीं खाया होता है और सोचती हैं कि सुबह से काम करते हुए उनका व्यायाम भी बहुत हो चुका है। घरेलू कामों को अपना व्यायाम मानकर ज्यादा भोजन कर लेती हैं। यही गलती उन्हें बीमारियों की ओर ढकेलती है।
डायबिटीज की मुख्य वजह है ओवर इटिंग
डायबिटीज की शुरुआत ओवर ईटिंग से होती है। ज्यादा सोने, ज्यादा देर तक बैठे रहने, डेयरी प्रॉडक्ट का अधिक सेवन, मांस- मछली, मीठा ज्यादा प्रयोग करने और मोटापा बने रहने शुगर होने की आशंका ज्यादा रहती है। शरीर की इंसुलिन निकालने की एक सीमा है। जब ज्यादा खाएंगे तो ग्लूकोज बढ़ता जाएगा और इंसुलिन कम होता जाएगा। वहीं से शुगर यानि डायबिटीज की शुरुआत होती है।
सुबह से खाली पेट रहकर जब शुगर लेवल नीचे जा रहा होता है तो एक साथ बहुत सारा खा लिया जाता है।
हो सकती है एलर्जी
ओवर ईटिंग से एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। अंडा, दूध, मछली, सी फूड आदि ज्यादा खाने से एलर्जी हो सकती है। कई चीजें ऐसी होती हैं जिससे अधिक खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। ऐसे में दिल से संबंधित बीमारियां चपेट में ले सकती हैं।
किडनी में आ सकती है परेशानी
जो लोग प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं उनको आगे चलकर किडनी में पथरी की समस्या से जूझना पड़ता है।
एसिडिटी दे सकती है ओवर ईटिंग
लंबे समय तक भूखे रहने के बाद वसा युक्त खाना इकठ्ठा खाना या संतरा, टमाटर, चॉकलेट ज्यादा खाने से एसिडिटी की शिकायत हो सकती है।
ऐसे करें खाने पर नियंत्रण
- भोजन हमेशा उतना ही खाएं जितना शरीर आसानी से पचा सके। ऐसा तभी हो सकता है जब भोजन को धीरे धीरे चबाकर खाएंगे। क्योंकि हमारे दिमाग को 15 से 20 मिनट की जरूरत होती है यह समझने के लिए कि अब आपको खाने की जरूरत नहीं है। अपना खाना बंद कर सकते हैं। इससे पाचन क्रिया भी ठीक रहती है।
- जूस और पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। दिन में कम से कम एक बार जूस या अन्य तरल पदार्थ जरूर लेना चाहिए। सब्जियों का रस पेट भरने में सहायक होता है। फिर सुबह उठकर गुनगुने पानी में नींबू डालकर पीने से कैलोरी कम होती है। शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है। इससे प्राकृतिक रूप से भूख कम लगती है।
ये करें भोजन में शामिल
- पानी या जूस खाना खाने से आधा घंटे पहले ही लें। खाने के बीच में पानी पीने से पाचन शक्ति पर असर पड़ता है और खाना सही से हजम नहीं होता।
- इसके साथ ही कम वसा वाला सूप, जो शरीर में फाइबर की पूर्ति करता है, भी प्रयोग कर सकते हैं।
- आहर में शामिल करें अधिक फाइबर और कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट वाले फूड। दाल, फल, सब्जियां, घर में बना व्हाइट पास्ता अपने खाने में शामिल करें।
क्रेश डायट
कई बार ओवर इटिंग बंद करने के लिए क्रेश डायट को अपना लिया जाता है लेकिन यह प्रक्रिया ठीक नहीं है। क्रेश डायट एक ऐसा डायट प्लान है जो कम वक्त में तेजी से वजन घटाता है। इस डायट में रोजाना ली जाने वाली कैलोरी को कम करना होता है। यह डायट प्लान कुछ ही दिनों में परिणाम दिखाना शुरू कर देता है। लेकिन हर कोई यह डायट फोलो नहीं कर पाता और ज्यादा खाने लगता है। जिससे वजन बढ़ जाता है और आप ओवर इटिंग के शिकार हो जाते हैं।
रखें खुद पर नियंत्रण
क्या खा रहे हैं, कितना खा रहे हैं यह देखना भी बेहद जरूरी है। अति से ज्यादा खाने को कम करने के लिए अपने ऊपर नियंत्रण रखना चाहिए।
छोटी प्लेट और कटोरी का प्रयोग
आपकी प्लेट में जितना ज्यादा खाना होगा, आप उतना ही ज्यादा खाएंगे। इसलिये छोटी प्लेट और कटोरी का प्रयोग करें। उसमें सलाद को जरूर शामिल करें। जैसे जैसे बर्तन का साइज कम होगा, आहार की मात्रा भी कम होती जाएगी।
स्नेक्स से रखें दूरी
लोग तभी ज्यादा खाते हैं जब खाना उनके सामने होता है। अच्छा उपाए यह भी है कि स्नेक्स को बंद कंटेनर या अलमारी में रखें।