Long Weekend: वृंदावन आने से पहले करा लें होटल में बुकिंग, वरना गाड़ी में ही गुजारनी पड़ सकती है रात
Long Weekend एक साथ चार दिन का अवकाश होने के कारण दिल्ली एनसीआर समेत विभिन्न शहरों के श्रद्धालुओं का रुख वृंदावन की तरफ हो गया है। शुक्रवार रात को ही अधिकांश होटल और गेस्ट हाउस फुल हो गए।
आगरा, जागरण टीम। रक्षा बंधन से स्वतंत्रता दिवस तक की सरकारी कार्यालय और स्कूलों की छुट्टी होने कारण तीर्थनगरी वृंदावन में श्रद्धालुओं ने डेरा डाल लिया है। यहां श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। शहर के होटल-गेस्टहाउस फुल हो चुके हैं। बिना बुकिंग के आ रहे श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए कमरे नहीं मिल पा रहे हैं। स्थित यह हो गई कि श्रद्धालुओं ने अपने वाहनों में रात गुजारते हुए देखा गया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व तक होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस लगभग फुल रहेंगे।
एक साथ चार दिन का अवकाश होने के कारण दिल्ली, एनसीआर समेत विभिन्न शहरों के श्रद्धालुओं का रुख वृंदावन की तरफ हो गया। शुक्रवार रात को ही अधिकांश होटल और गेस्ट हाउस फुल हो गए थे। बिना बुकिंग करवाए बड़ी संख्या में श्रद्धालु वृंदावन पहुंच रहे हैं। रविवार को उनके आगमन का सिलसिला जारी रहा। उनको एक-एक कमरे के लिए एक के बाद एक होटल तक दौड़ना पड़ रहा है। मगर, उनको ठहरने के लिए कमरे नहीं मिल पा रहे है। इस स्थिति में श्रद्धालु मथुरा और गोवर्धन जाने लगे हैं। शहर के बाहर की पार्किंग भी भर गई है। पैदल और ई रिक्शा से लोग आ रहे है। -हर तरफ जाम : शहर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखकर ई-रिक्शा चालक भी मनमानी कर रहे है। मंदिरों के आसपास के इलाके से लेकर बाजार और गलियों ई-रिक्शा ही नजर आ रहे है। राहगीर पैदल तक नहीं मिल पा रहे है। इससे उनको आवागमन में परेशानी हो रही है।
दिनभर शहर में चार पहिया वाहनों और ई-रिक्शा से लगा रहा जाम
चार दिन की सरकारी छुट्टियों ने तीर्थनगरी की यातायात व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। जाम के हालात बने हुए है। गलियों में भी निकलना मुश्किल हो गया है। जिन रास्तों पर चार पहिया वाहन नहीं थे, वहां ई-रिक्शा चालकों की मनमानी का खामियाजा पैदल राहगीरों और श्रद्धालुओं को उठाना पड़ा। तीर्थनगरी की यातायात व्यवस्था सुधारने के प्रशासनिक दावे फेल साबित हुए हैं। रक्षाबंधन के बाद से ही शहर में हालात बेकाबू हो रहे हैं। शहर की सड़कें ही नहीं गलियों में भी चार पहिया वाहनों से सुबह से ही जाम लगना शुरू हो गया है। जाम से राहत दिलाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई व्यवस्था शहर के अंदर नजर नहीं आ रही है। चार पहिया वाहनों को शहर में एंट्री मिलने के बाद पैदल राहगीरों को भी रास्ता तय करना मुमकिन नहीं हो पा रहा है। वाहन चालकों की मनमानी ऐसी कि जहां जगह मिली, अपने वाहन खड़े कर मंदिरों के दर्शन को निकल रहे हैं। छोटे चार पहिया वाहन ही नहीं बड़े वाहनों को भी शहर में एंट्री देने से हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं।