Online Transaction: कोरोना काल में डिजिटल हो गए सीनियर सिटीजन, अपनाया ये तरीका
Online Transaction तीन माह में 50 साल से अधिक उम्र वाले लोगों ने बैंकों से इश्यू कराए एटीएम कार्ड। कोरोना संक्रमण काल में 30 फीसद तक बढ़ गया डिजीटल पेमेंट।
आगरा, गौरव भारद्वाज। कोरोना संक्रमण काल में लोगों को डिजीटल प्लेटफॉर्म का प्रयोग करना सिखा दिया है। जो लोग पहले छोटे-छोटे लेनदेन के लिए बैंक का रुख करते थे, अब वो बैंक की भीड़ से बचने को एटीएम या फिर एप का सहारा ले रहे हैं। इसमें 50 साल से ज्यादा उम्र वालों की संख्या अधिक है। ग्राहक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे तो बाजार के तौर-तरीके भी बदल गए हैैं। छोटी वस्तुओं की खरीदारी में डिजिटल पेमेंट में वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक कोरोना काल में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में औसतन 25 से 30 फीसद की वृद्धि हुई है। वहीं, बैंक अधिकारियों के मुताबिक एटीएम का प्रयोग करने वाले ग्राहकाें की संख्या 70 फीसद तक हो गई है।
कोरोना वायरस का संक्रमण नोट और सिक्कों से भी फैल सकता है। ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए लोगों ने लेनदेन के लिए पिछले तीन माह में डिजीटल प्लेटफॉर्म क ज्यादा इस्तेमाल किया है। नकद भुगतान को सुरक्षित मानने वाले ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने लगे है। पेमेंट एप गूगल पे, पेटीएम, फोनपे को उपभोक्ता खरीदारी में तवज्जो दे रहे हैैं। इस चैनल से पेमेंट में लगभग 40 फीसद वृद्धि हुई है। इसके अलावा जो लोग पहले छोटी-छोटी रकम निकालने बैंक की लाइन में लगना पसंद करते थे, उन्होंने भी बैंक की बजाए एटीएम से रुपये निकालना ज्यादा पसंद किया। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने कई पेंशनरों को बैंक न आने की बजाए एटीएम का इस्तेमाल करने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने एटीएम कार्ड इश्यू कराया। इसके अलावा अन्य लोगों ने भी डेबिट कार्ड की मांग की है। अनुमान के मुताबिक तीन माह में करीब पहले से चल रहे खातों में 25 हजार नए डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं।
स्वाइप मशीन की मांग में बढ़ोतरी
कई मिनी स्टोर कारोबारियों ने बताया कि लॉकडाउन में डेबिट कार्ड से खरीदारी करने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ी है। इस कारण बैैंक से स्वाइप मशीन लेनी पड़ी। जिससे बार- बार कैश जमा करने बैैंक नहीं जाना पड़ता है। इसके अलावा एप के जरिए भी पेमेंट की सुविधा ग्राहकों को दी गई।
इंटरनेट बैैंकिंग की ओर बढ़े लोग
बैैंक अधिकारियों ने बताया कि लगभग 10-15 फीसद उपभोक्ताओं में इंटरनेट बैैंकिंग के प्रति रुझान बढ़ा है। जो ग्राहक यह सुविधा लेने से पहले मना कर देते थे अब वही लॉकडाउन में खुद इंटरनेट बैैंकिंग की मांग किए हैैं। डेबिट व क्रेडिट कार्ड की मांग में 30-35 फीसद की वृद्धि हुई है।
इन सेवाओं में हुई वृद्धि
35 - फीसद मोबाइल रिचार्ज में
58 - फीसद डीटीएच रिचार्ज में
200 - फीसद ब्रॉडबैैंड-डेटा कार्ड भुगतान में
10 - फीसद किराने सामान खरीदने में
30 - फीसद मेडिकल सेवाओं में
60 - फीसद मनोरंजन सेवाओं में
25 - फीसद आरटीजीएस और नेफ्ट में
40 - फीसद बिल जमा करने में
(आंकड़े सर्वे करने वाली एक निजी कंपनी की वेबसाइट से लिए गए हैैं)
यह है स्थिति
कुल बैंक- 28
बैंक शाखाएं- 511
कुल उपभाेक्ता - करीब 25 लाख
- जनधन खाताधारक - करीब नौ लाख
- एटीएम कार्ड धारक - 18 लाख
लॉकडाउन में ऑनलाइन पेमेंट, इंटरनेट बैैंकिंग और डेबिट कार्ड प्रयोग में लगभग 25 से 30 फीसद की वृद्धि देखी गई है। नए एटीएम कार्ड लेने वालों में 50 साल की उम्र वालों संख्या ज्यादा है। लोगों को सुरक्षित तरीके से डिजीटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे धोखाधड़ी से बच सकें।
सुरेश राम, लीड बैंक प्रबंधक