पता बदलने के लिए ऑनलाइन लिंक देना आंबेडकर विश्वविद्यालय
डिग्री घर भेजने के लिए विवि को नहीं मिल रहा छात्रों का पता, पहले भेजी जाएगी सत्र 2015 के छात्रों को डिग्रियां
आगरा (जागरण संवाददाता): आंबेडकर विवि द्वारा छात्रों के घर पर डिग्री भेजने की तैयारी कर ली है। मगर, इसमें पते की अड़चन आ रही है। ऐसे में विवि अब पता बदलने के लिए ऑनलाइन लिंक देगा।
विवि द्वारा सत्र 2015 से 2018 के छात्र-छात्राओं को घर पर ही डिग्री भेजने की तैयारी की गई है। पहले सत्र 2015 के छात्र-छात्राओं को डिग्री भेजी जानी है। मगर, अधिकांश कॉलेजों द्वारा छात्र-छात्राओं के घर का पता ही फॉर्म में नहीं भरा गया था, इस कारण बड़ी संख्या में डिग्रियां डिस्पैच नहीं हो पा रही हैं। डिग्री डिस्पैच की समस्या का समाधान करने के लिए अब विवि द्वारा एक लिंक जारी करने की बात कही गई है। विवि की वेबसाइट पर यह लिंक दिया जाएगा। इस लिंक पर वे छात्र जिनका घर का पता बदल गया है या फिर उन्होंने फॉर्म में पता नहीं भरा था, अपना पता अपडेट कर सकेंगे। विवि के पीआरओ गिरजाशंकर शर्मा ने बताया कि डिग्री भेजने के लिए पता न होने की समस्या दूर करने के लिए जल्द ही ऑनलाइन लिंक जारी कर दिया जाएगा।
पहले भेजी जाएंगी 2015 की डिग्री
विवि द्वारा पहले चरण में वर्ष 2015 के छात्रों की डिग्री घर भेजी जानी है। तीन महीने में करीब 1.90 लाख छात्रों को घर पर डिग्री भेजने का लक्ष्य रखा गया है। डिग्री पि्रंट होने का काम चल रहा है।
विवि ने रीएग्जाम के 68 परिणाम किए जारी
आगरा: आंबेडकर विवि के रीएग्जाम के परिणाम घोषित होना शुरू हो गया है। इसमें बहुत से छात्र ऐसे हैं जो परिणाम देखकर मायूस हैं।
आंबेडकर विवि की सत्र 2017-18 की मुख्य परीक्षा में बड़ी संख्या में छात्र फेल हुए थे। अधिकांश छात्रों ने मूल्यांकन को लेकर सवाल भी खडे़ किए थे। सभी ने दोबारा मूल्यांकन की मांग की थी, लेकिन विवि ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद छात्रों ने स्क्रूटनी और आरटीआइ का सहारा लिया था। स्क्रूटनी का रिजल्ट घोषित होने से पहले विवि ने रीग्जाम के फॉर्म भरवाना शुरू कर दिया था। ऐसे में अधिकांश छात्र रीएग्जाम में भी शामिल हुए। अब विवि ने रीएग्जाम के परीक्षा परिणाम घोषित करना शुरू कर दिया है। 68 रिजल्ट घोषित हो गए हैं, लेकिन इसमें ऐसे बहुत से छात्र हैं, जिनका परीक्षा परिणाम नहीं बदला है। अब वह परेशान हैं।
आरटीआइ में मिली थी गड़बड़ी
फेल होने वाले कई छात्रों ने आरटीआइ के तहत अपनी उत्तर पुस्तिका निकलवाई थी। कइयों की उत्तर पुस्तिका में परीक्षकों की लापरवाही सामने आई। एलएलबी के एक छात्र तो इसको लेकर कोर्ट चला गया। विवि को गलती के चलते परीक्षक को डिबार करने पड़ा।