ऑनलाइन वॉलेट इंस्टाल करने के बहाने छात्र के बैंक खाते से पार किए 30 हजार Agra News
पीडि़त की शिकायत की जांच कर रही साइबर सेल। फोनकर्ता ने खुद को बताया था पेटीएम का प्रतिनिधि।
आगरा, जागरण संवाददाता। ऑनलाइन ठगों की बातों का जाल ऐसा है कि उस पर न चाहकर भी लोग ऐतबार कर लेते हैं। एक बार भरोसा करना ही बड़ी चपत लगा रहा है। इस बार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र के बैंक खाते से साइबर अपराधियों ने 30,220 रुपये उड़ा दिए। पीडि़त ने थाने पर शिकायत की है।
मलपुरा क्षेत्र के गांव सहारा निवासी वीरेंद्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। उनका मिढ़ाकुर स्थित केनरा बैंक में खाता है। वीरेंद्र के मुताबिक सात फरवरी को उनके पास अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पेटीएम कंपनी नोएडा में कार्यरत बताया। वीरेंद्र के मुताबिक उक्त युवक ने पेटीएम केवाइसी क्विक सपोर्ट एप इंस्टॉल करने की सलाह दी। साथ ही एप इंस्टॉल करने के बाद इसमें 10 रुपये ट्रांसफर करने को कहा। वीरेंद्र के रुपये ट्रांसफर करने के कुछ मिनट बाद उनके पास दो मैसेज आए। पहले में बैंक खाते से 30 हजार रुपये और दूसरे में 220 रुपये काटने का संदेश देख उनके होश उड़ गए। बैंक में सोमवार को पासबुक में एंट्री हुई। मंगलवार को पीडि़त थाने पहुंचा और तहरीर दी। थाना प्रभारी महेश यादव के मुताबिक पीडि़त की शिकायत साइबर सेल को भेज दी गई है।
हर दिन बन रहे शिकार
पेटीएम की केवाइसी के नाम पर साइबर शातिर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। इसके बाद वे रिमोटली एक्सिस एप के माध्यम से मोबाइल की डिस्प्ले हैक कर लेते हैं और खाते से रकम पार कर लेते हैं।
ये बरतें सावधानी
- किसी अंजान नंबर पर भरोसा न करें।
- किसी के कहने पर अपने मोबाइल में एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट जैसे एप डाउनलोड न करें।
- इन एप के माध्यम से शातिर मोबाइल की स्क्रीन हैक कर लेते हैं। इसके बाद पेमेंट की प्रोसेस देखकर वे खाता साफ कर देते हैं।
- मोबाइल कंपनियों के डाटा से नंबर हासिल कर शातिर एसएमएस भी भेज रहे हैं। इसमें केवाइसी कंपलीट न होने की बात कहकर वेबसाइट का लिंक देते हैं कि इस पर अपना डाटा अपलोड कर दें। कतई ऐसे एसएमएस के जाल में न फंसे। यदि केवाइसी अपडेट कराना ही है तो बैंक की शाखा में जाकर ही कागजात जमा कराएं।