छह राज्यों के दस हजार लोगों से की ठगी, सरगना गिरफ्तार
घर बैठे काम देने का सपना दिखाकर जाल में फंसाए लोग - कुछ दिनों तक प्लान के मुताबिक रिटर्न की रकम फिर बंद किया ऑफिस
आगरा, जागरण संवाददाता। सोशल मीडिया पर लाइक और क्लिक करने के नाम पर छह राज्यों के दस हजार लोगों को शातिरों ने जाल में फंसा लिया। इसमें अधिकतर युवा थे। सभी से रकम कंपनी के खाते में जमा कराई। इस तरह पांच सौ करोड़ रुपये डकारने के बाद शातिर फरार हो गए। आगरा पुलिस ने कंपनी के मालिक वरुण गुप्ता और उसके मुख्य सहयोगी अमित सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया है।
ठगों ने पे वे आइटी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी। हेड ऑफिस दिल्ली में बनाकर कंपनी के मालिक ने ठगी का पूरा नेटवर्क बनाया। इसमें बैंक अधिकारी, सीए और एमबीए युवकों को भी शामिल किया। सभी के काम बंटे हुए थे। वर्ष 2018 में गिरफ्तार हुआ ई मित्र बैंक खाते खुलवाता था। बैंक मैनेजर रुपये निकलवाने में मदद करता था और सीए ठगी की रकम का हिसाब बनाता था। प्लान के मुताबिक कंपनी के खाते में रकम जमा होने के बाद कुछ समय तक कंपनी की ओर से उन्हें रकम रिटर्न की गई, जिससे भरोसा बढ़े। इससे निवेशकों की संख्या और बढ़ गई। धीरे-धीरे गाजियाबाद से कंपनी दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्यप्रदेश तक पहुंच गई। यहां के करीब दस हजार लोगों को यूजर आइडी बांटकर छह माह में ही पांच सौ करोड़ रुपये समेट लिए। इसके बाद शातिर फरार हो गए। पीड़ितों ने मुकदमे दर्ज कराए। मगर, मालिक पहली बार आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
ठगी के थे तीन प्लान
पहला प्लान-
प्रत्येक यूजर को 1800 रुपये कंपनी के खाते में जमा करने होते थे। इसके बाद एक वर्ष के लिए कंपनी अपनी यूजर आइडी दे देती थी। यूजर को 350 लाइक और क्लिक करने होते थे। उसे 230 रुपये प्रतिदिन रिटर्न मिलता था।
दूसरा प्लान-
हर यूजर को इस प्लान के मुताबिक 57 हजार रुपये कंपनी के खाते में जमा करने होते थे। इसमें 350 लाइक और क्लिक करने पर 670 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से रिटर्न मिलता था।
- तीसरा प्लान-
हर यूजर को 1.15 लाख रुपये कंपनी के खाते में जमा करने होते थे। प्रतिदिन 350 लाइक 970 रुपये रिटर्न मिलता था। शनिवार और रविवार की छुट्टी रहती थी। इसलिए इन दो दिनों में लाइक और क्लिक नहीं होती थी। गिरफ्तार करने वाली टीम
एसआइएस प्रभारी इंस्पेक्टर इंद्रेश सिंह भदौरिया, इंस्पेक्टर सिकंदरा अरविंद कुमार सिंह, साइबर सेल प्रभारी अमित कुमार, कांस्टेबल विजय, बबलू, इंतजार सिंह, जितेंद्र शामिल रहे।