दुष्कर्म के आरोपित पूर्व मंत्री पर एक और मुकदमा दर्ज, संभावित ठिकानों पर दबिश
11 फरवरी को हुआ था पूर्व मंत्री अशोक यादव पर चौथ वसूली का मुकदमा। दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने के बाद सियासी हलचल हुई तेज।
आगरा, जेएनएन। अपने अंदाज से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व मंत्री अशोक यादव के घर पर आठ दिन में दूसरी बार पुलिस ने पूरी ताकत भरी दबिश दी। वह पहले भी पुलिस के हाथ नहीं लगे और इस बार भी पुलिस खाली हाथ लौट आई। बीते रविवार को भी बीच सड़क पर उनकी पुलिस से तकरार हुई थी। तब मामला उनकी गाड़ी से हूटर उतरवाने को लेकर था। दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस पूर्व मंत्री के संभावित ठिकानों पर दबिश देने में जुटी है।
फीरोजाबाद में स्टेशन रोड स्थित रॉयल गार्डन में रहने वाले पूर्व मंत्री अशोक यादव के खिलाफ 11 फरवरी को व्यापारियों ने मोर्चा खोल दिया था। कोठी के पास मार्बल विक्रेता ने उन पर जबरन दुकान खाली कराने के लिए मारपीट करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर शाम को भारी फोर्स के साथ दबिश दी थी। उस समय वे घर पर नहीं मिले थे। इसके बाद मामला झंडे बस्ते में चला गया।
रविवार को एक बार फिर पूर्व मंत्री और पुलिस का आमना-सामना हुआ। पुलिस ने चेङ्क्षकग के दौरान पूर्व मंत्री की गाडिय़ों का काफिला रुकवाने के बाद हूटर उतरवाए थे। इसको लेकर पुलिस के साथ उनकी तकरार हुई थी। इसी बीच बुधवार को दुष्कर्म का मामला आ गया।
चौथ वसूली का मुकदमा भी दर्ज
दुष्कर्म की घटना से पहले पत्थर व्यवसाई की तहरीर पर पूर्व मंत्री अशोक यादव के खिलाफ मंगलवार देर रात चौथ वसूली का मुकदमा भी दर्ज किया गया। यह मुकदमा 11 फरवरी को दुकान में घुसकर मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले पत्थर व्यवसाई ने दर्ज कराया है। नगर के मोहल्ला मुहम्मद माह निवासी अंकित अग्रवाल का कहना है कि पूर्व मंत्री की कोठी के बगल में उनकी दुकान है। 19 फरवरी की सुबह 11 बजे पूर्व मंत्री ने अपने बाउंसर के साथ रोका और चौथ मांगी। इसके साथ दुकान खाली न करने पर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने चौथ वसूली का मुकदमा दर्ज किया है। वहीं व्यवसाई को सुरक्षा भी दी गई है।
मेरे पति की राजनैतिक हत्या की साजिश
पूर्व मंत्री की पत्नी नीलम यादव का कहना है कि चुनाव से पहले मेरे पति की राजनैतिक हत्या की साजिश है। पुलिस ने बदमाशों की तरह दबिश दी, मुझे धमकाया। मेरे साथ अभद्रता की गई। जिस घर में हम रहते हैं, उसी में बलात्कार कैसे हो सकता है। उनका कहना है कि सैफई मेडिकल कॉलेज के कार्यक्रम से रात में हम परिवार के साथ लौटे थे। इसके बाद रात में ही मेरे पति निकल गए। दबिश के बाद से मेरा छोटा बेटा गायब है। मुझे खतरा है, सुरक्षा दिलाई जाए।
चुनावी मैदान में मुलायम को दी थी कड़ी चुनौती
भाजपा सरकार में पर्यटन मंत्री रहे अशोक यादव ने सियासी पारी जोरदार तरीके से शुरू की थी। 1993 में उन्होंने शिकोहाबाद विस से सपा के मुखिया रहे मुलायम ङ्क्षसह यादव के खिलाफ कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और महज 13 हजार वोटों से हारे। मुलायम चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने। तीन साल बाद 1996 का चुनाव अशोक यादव ने भाजपा से लड़ा और जीतकर मंत्री बने। इसके बाद 2002 में निर्दलीय चुनाव लड़ा, मगर तीसरे नंबर पर रहे। इसके बाद 2007 में फिर निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की।